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प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र के 654 लाभार्थियों को मिला 24.38 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी।

उद्यम स्थापित करके स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम।

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आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और छलांग लगाते हुए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने पश्चिमी क्षेत्र (गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, दमन और दीव, दादरा-नगर हवेली) के 1463 लाभार्थियों को 100.55 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी अनुदान का वितरण किया। यह वितरण स्वीकृत 304.65 करोड़ रुपये के ऋण के संबंध में किया गया। इसमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र के 654 लाभार्थियों को 24.38 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी अनुदान धनराशि वितरित की गई। यह केवीआईसी द्वारा कार्यान्वित भारत सरकार की एक प्रमुख रोजगार- उन्मुख योजना है।

इस अवसर पर केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग अपने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए बहुत कम लागत पर सुदूर क्षेत्रों में कारीगरों के लिए उनके दरवाजे पर रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रहा है। श्री मनोज कुमार ने कहा कि केवीआईसी की ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत पहलों, जैसे कि कुम्हार सशक्तिकरण योजना, शहद मिशन, चर्म कारीगर सशक्तिकरण योजना, अगरबत्ती बनाना, हस्तनिर्मित कागज आदि के माध्यम से उन्नत प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करके अधिक से अधिक कारीगरों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।

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केवीआईसी के अध्यक्ष ने एक समृद्ध, मजबूत, आत्मनिर्भर और खुशहाल राष्ट्र के निर्माण को लेकर लाभार्थियों को अपनी इकाइयां सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए प्रेरित किया। यह बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर भारत को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आदर्श वाक्य “नौकरी मांगने वाले की जगह नौकरी देने वाले बनें” को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगा। यह उल्लेखनीय है कि भारत सरकार का प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस योजना के तहत कोई भी उद्यमी विनिर्माण क्षेत्र में 50 लाख रुपए तक और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपए तक की इकाई की स्थापना कर सकता है। इन इकाइयों की स्थापना के लिए भारत सरकार शहरी क्षेत्रों के लाभार्थियों को पूरी परियोजना लागत का 15 फीसदी से 25 फीसदी और ग्रामीण लाभार्थियों को 25 फीसदी से 35 फीसदी हिस्सा अनुदान के रूप में प्रदान करती है। इसके साथ ही, ऋण की मंजूरी के बाद लाभार्थियों को सफल उद्यमी बनाने के लिए नि:शुल्क उद्यमिता विकास प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।

इस कार्यक्रम के दौरान केवीआईसी के अध्यक्ष ने “खादी संवाद” चर्चा में खादी और ग्रामोद्योग के कारीगरों, संगठन के प्रतिनिधियों व उद्यमियों के साथ बातचीत की। इसका आयोजन क्षेत्र में संचालित खादी और ग्रामोद्योग गतिविधियों को बढ़ाने के लिए किया गया था। इस चर्चा के बाद सभी ने उत्साहपूर्ण वातावरण में दोपहर का भोजन किया।

इस अवसर पर राज्य के गणमान्य व्यक्ति, पीएमईजीपी लाभार्थी, खादी और ग्रामोद्योग संस्थानों के प्रतिनिधि व केवीआईसी के अधिकारी उपस्थित थे।

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