NewsPRLive –भागलपुर, बाबू साहब थोड़ी मोहलत और दे दो अचानक इस ठंड में आशियाना उजड़ जाएगा तो कहां अपने छोटे-छोटे बच्चों को रखूंगा, प्रशासन के सामने हाथ जोड़कर विनती करते रहे लोग लेकिन प्रशासन के लोग निर्दई भाव दिखाते हुए दर्जनों लोगों के आशियाने को चंद मिनटों में चकनाचूर कर दिए,मानो पापी पेट पर प्रशासन का बुलडोजर चल रहा हो।
कई घर हुए ध्वस्त –
दरअसल भागलपुर जिला के नारायणपुर प्रखंड के अंतर्गत भ्रमरपुर गांव में प्रशासन का बुलडोजर चलाकर सरकारी जमीन को खाली कराया गया, अतिक्रमणकारियों में गणेश झा, दिनेश शाह, रामावतार ठाकुर, पप्पू ठाकुर ,कोको शाह, गणेश मिस्त्री ,सचिन ठाकुर ,प्रसन्न कुमार मिश्र, जिज्ञासा चंद्र झा, मनोज झा, अमित झा, शिवम झा, लुरी शाह क्या लाभ है दर्जनों लोग नगरपारा पूर्व पंचायत भ्रमरपुर के रहने वाले हैं जिन्होंने सरकारी जमीन को अवैध रूप से पेट पालने के लिए छोटे-छोटे दुकान बनाकर रखे हुए थे, जिसे पूर्व में भी सरकार के आदेश के आलोक में अंचल कार्यालय नारायणपुर से बजरिया नोटिस के माध्यम से अगाह किया गया था कि एक निश्चित समय के अंदर आप सरकारी जमीन को मुक्त कर दें अन्यथा विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण किए हुए जमीन को मुक्त कर लिया जाएगा, लेकिन इन गरीबों के पास कोई दूसरा चारा नहीं था आज प्रशासन का बुलडोजर चला और सभी एक झटके में बेघर हो गए।
प्रशासन ने बगैर व्यवस्था किए दर्जनों परिवार को किया बेघर
अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासन को विरोध का भी सामना करना पड़ा जिसको लेकर सैकड़ों पुलिस बल की तैनाती की गई थी वही बिहपुर थाना अध्यक्ष राज कुमार सिंह नारायणपुर भवानीपुर ओपी अध्यक्ष व पुलिस बल की मौजूदगी थी वहीं लोगों ने कहा कि गरीब परिवार कहां जाएगा इन लोगों के पास जमीन नहीं थी तो घर बना लिया था प्रशासन ने बगैर व्यवस्था किए इनका घर उजाड़ दिया अब दर्जनों घरों के सैकड़ों लोग इस कब कपाती ठंड में कहां अपना गुजर-बसर करेंगे जिसको लेकर पुलिस प्रशासन और अतिक्रमण किए लोगों में घंटों हाई वोल्टेज ड्रामा चला।
प्रशासन ने बताया अवैध कब्जा
अंचला अधिकारी अजय कुमार सरकार नारायणपुर ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को बजरिया नोटिस के माध्यम से पहले आगाह कर दिया गया था कि समय से पहले अतिक्रमण किए हुए जमीन को मुक्त कर दें अन्यथा सरकार के नियम के आलोक में मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल की मौजूदगी में उसे खाली कराया जाएगा उसी बाबत आज बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण किए लोगों के मकान को तोड़ कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया।