प्रियंका बनी महिलाओं की प्रेरणा स्रोत,स्कूल वैन चलाकर चला रही घर भी और खुद पढ़ाई कर बच्चों को भी दे रही अच्छी तालीम

Patna Desk

 

 

भागलपुर कहते हैं अगर हौसला बुलंद हो तो सफलता आपके कदम चूमेगी। दरअसल, भागलपुर के मिरजानहाट निवासी प्रियंका स्कूल वैन चलाकर अपनी बच्चियों को पढ़ा रही है, साथ ही साथ खुद भी पढ़ाई कर रही है। गोड्डा के अम्बा निवासी प्रियंका की शादी मिरजानहाट के किशोर साह से 2012 में हुई थी।

*खुद बनना चाहती आईएएस अफसर बच्चों को भी दे रही अच्छी तालीम*

प्रियंका की दो बेटी है। प्रियंका बीएन कॉलेज भागलपुर से ग्रेजुएट है और फिलहाल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रही है। प्रियंका सरकारी नौकरी करना चाहती है। प्रियंका के पति कई वर्षों से ये स्कूल वैन चला रहीं हैं। विगत चार महीनों से प्रियंका अब उसका इस काम में साथ दे रही है। प्रियंका का सपना है आईएएस अफसर बनने का आर्थिक तंगी के चलते वहां इस कदम को उठाई है और उसका कहना है मैं आईएएस अफसर बनकर रहूंगी और अपने बच्चों को भी अच्छी तालीम दे रही हूँ काम कोई भी हो मन से और जी जान से करने से जरूर सफलता मिलती है।

*घरवालों का मिला साथ*

प्रियंका ने आपदा को अवसर में बदला और कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के दौरान गाड़ी चलाना सीखी, उसके बाद दोनों मिलकर कमाने लगे। प्रियंका ने बताया कि इसके लिए घरवाले भी साथ देते रहे 2017 में ग्रेजुएशन पूरा किया। फिर डिफेंस और रेलवे की तैयारी भी कर रहे हैं। सब काम हो जाता है, सुबह जगकर बच्चों को तैयार कर खुद फिर तैयार होकर स्कूल जाते हैं। बचे समय मे पढ़ाई भी करते हैं।

*कोरोना को बनाया अवसर*

प्रियंका ने बताया कि कोरोनकाल के दौरान जब घर में बैठे थे, तो उस समय गाड़ी चलाने सीखे। उस समय घर में बैठे मन नहीं लगता था और गाड़ी भी घर में रहती थी। तो उस समय गाड़ी सीख ली। अब वो हुनर काम आ रहा है।

*बेटियों को आगे आना चाहिए*

वहीं प्रियंका ने बताया कि बेटियों को आगे बढ़ना चाहिए। इसमें अभिभावकों को भी सपोर्ट करना चाहिए। ताकि बेटी आगे बढ़ सके। पर्दे के पीछे बेटी को नहीं रखना चाहिए। आत्मनिर्भर बनाना चाहिये।

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