फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले के 48 लाख लोगों को खिलाई जाएगी सर्वजन दवा।

Patna Desk

 

मोतिहारी, फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले के मोतिहारी सदर अस्पताल परिसर स्थित फील्ड अस्पताल के प्रांगण में एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार पासवान की अध्यक्षता में हुआ। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से इसका आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सीएस, डीभीडीसीओ ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार पासवान ने फाइलेरिया बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि फाइलेरिया संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर द्वारा प्रसारित होने वाला गंभीर रोग हैं। इस रोग के लक्षण सामान्यतः 5 वर्ष या कभी-कभी इससे भी अधिक समय के पश्चात दिखते हैं। इस रोग का नियंत्रण जाँच एवं उपचार द्वारा संभव हो सकता है। उन्होंने बताया कि इससे बचाव हेतु जिलेभर में आगामी 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए राउंड) की शुरुआत की जाएगी। इसमें पहले तीन दिन स्कूलों में बूथ लगाकर दवा खिलाई जाएगी, उसके बाद 14 दिन घर-घर जाकर आशा व स्वास्थ्य कर्मी अपने सामने दवा का सेवन कराएंगे।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने कहा कि फाइलेरिया रोधी दवा खुद खाने और अपने परिवारजनों को सेवन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस दौरान कई ग्रामीण क्षेत्रों में पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क प्लेटफार्म के सदस्यों द्वारा भी जागरूकता फैलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में 72 लाख 95 हजार 443 लोग हैं जिनमें 48 लाख 46 हजार 566 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। सभी 27 प्रखंडों, 405 पंचायतों, 1 हजार 8 सौ 83 गाँव में कुल 2 हजार 8 सौ 95 दलों द्वारा दवा खिलाई जाएगी। इसमें कुल 4 हजार 646 आशा, 345 आंगनबाड़ी सेविका, 779 वोलेंटियर एवं 281 आशा फैसिलिटेटर कार्यरत रहेंगे। 3 हजार 270 स्कूलों में बूथ लगाई जाएगी।फाइलेरिया मरीज को मिला एमएम डीपी किट :

बंजरिया प्रखंड के गोखुला गाँव के सिसवा पूर्वी पंचायत के निर्मला कुंवर को एमएम डीपी किट दिया गया और विकलांगता प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु रजिस्ट्रेशन किया गया। वे पार्वती पेशेंट नेटवर्क की सदस्य हैं जो आसपास के लोगों को फाइलेरिया से बचाव व सर्वजन दवा सेवन करने के लिए जागरूक कर रहीं हैं।ऐसे खाना है सर्वजन दवा

02 से 5 वर्ष के बच्चों को 1 टैबलेट अल्बेंडाजोल और 1 टैबलेट डीईसी, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को 1 टैबलेट अल्बेंडाजोल और 2 टैबलेट्स डीईसी और 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को 1 टैबलेट अल्बेंडाजोल और 3 टैबलेट्स डीईसी की दवा खिलाई जाएगी। यह कार्यक्रम 17 दिनों तक चलेगा।

दवा सेवन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां

सीएस डॉ श्रवण कुमार पासवान और डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ने बताया कि दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खानी है। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती हैं। दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर लोगों की सुरक्षा हेतु जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन भी किया गया है।

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