NEWSPR डेस्क। बक्सर जिले में गंगा का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। फिल्हाल गंगा की धारा अभी खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर ऊपर है। साथ ही एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ भी रही है। जल स्तर में वृद्धि के कारण गंगा के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बक्सर-कोइलवर तटबंध पर पानी का दबाव लगातार बढ़ते जा रहा है। जिस कारण तटबंध पर खतरा मंडरा रहा है। चौसा-मोहनियां रोड पर पानी बहने के कारण अब आवागमन रोक दिया गया है। गंगा का रौद्र रूप देखकर सिमरी में तटवर्ती इलाकों के ग्रामीणों का पलायन शुरू हो गया है। गांव में पानी घुसने से लोग जरूरी सामान के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं। जल स्तर बढ़ने की रफ्तार को देखते हुए तटवर्ती इलाकों के लोगों में खौफ पैदा हो गया है। लोग सुरक्षित स्थान पर अपने सामान को पहुंचाना शुरू कर दिया है।
कर्मनाशा नदी में आयी बाढ़ से चौसा ब्लॉक की बढ़ी मुसीबतें : गंगा नदी के जल स्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी से चौसा ब्लॉक की कर्मनाशा नदी में आयी बाढ़ से बनारपुर, सिकरौल के बाद रोहिनीभान गांव के लोगों में बाढ़ जैसी विभीषिका का खौफ कायम हो गया है। अगले कुछ दिनों में भी गंगा नदी का पानी बढ़ने का अनुमान है। जिस प्रकार बनारपुर, सिकरौल, जलीलपुर, रोहिनिभान गांवों के उत्तरी इलाके जलमग्न हो चुके हैं और जल स्तर में वृद्धि को देख लोग काफी भयाक्रांत हैं। अगर इसी तरह नदी का पानी बढ़ता रहा तो क्षेत्र के चौसा, नरबतपुर, खिलाफतपुर, रोहिनीभान, जलीलपुर, तिवाय, डिहरी, रामपुर आदि गांवों के लोग भी बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं।
प्राइवेट व सरकारी नाव के सहारे घरों में जा रहे लोग : गंगा में पानी खतरे के निशान के पार कर जाने के चलत पानी के दबाव से कर्मनाशा नदी का पानी लगातार बढ़ने से बनारपुर गांव के रिहाइशी इलाके में दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी भर गया है। लोग बताते हैं कि अभी फिलहाल गांव के मेन रोड से उत्तर कर्मनाशा नदी के किनारे बसे दर्जनों घर व दक्षिण दिशा में भी कुछ घर प्रभावित है जो प्राइवेट नाव के सहारे अपने घरों से आते जा रहे हैं। पिछले आठ दिनों से गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ने सिकरौल गांव के पास तक जा पहुंचा है।
सिकरौल में हजारों की आबादी खतरे में : गांव के निचले हिस्से की दर्जनों झोपड़ियों में बाढ़ का पानी घुस गया। चौसा-मोहनिया मार्ग से सिकरौल गांव में जानेवाले लिंक रोड पर तीन से चार फुट तक पानी चढ़ गया जिससे गांव वालों को गांव में आने जाने में काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है. लोगों का कहना है कि अगर नदी का जल स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो हजारों की आबादी वाले उक्त गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर सकता है। वैसे भी गांव का उत्तरी इलाका पूरी तरह जलमग्न हो चुका है।