बच्चों को कुपोषणमुक्त करने को लेकर बैठक हुई, पोषण पुनर्वास केंद्र में रखने कि की गई बात

Patna Desk

 

भागलपुर, दिनांक 10 अगस्त 2024. जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में जिले के अति कुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बाहर निकलने को लेकर आईसीडीएस (समेकित बाल विकास सेवाएं), स्वास्थ्य विभाग एवं संबंधित पदाधिकारी के साथ बैठक आयोजित की गई।

बैठक में बताया गया की अति कुपोषित बच्चों को, जिन्हें रेफर किया जाता है उन्हें सदर अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में रखकर उनके शरीर में जो कमी होती है, उसके आधार पर प्रोफाइल तैयार की जाती है, तदनुसार आहार एवं दवा देकर उन्हें 45 दिनों में कुपोषण से बाहर निकाल कर पूर्णत: स्वस्थ कर उन्हें घर भेजा जाता है। उनके अभिभावक को भी संतुलित आहार देने हेतु काउंसलिंग की जाती है। जिलाधिकारी ने कहा कि 10000 बच्चों को कुपोषण से बाहर निकलना है तो केवल NRC से काम नहीं चलेगा। इसके लिए विभाग को पत्र लिखा जाए कि अनुमंडल स्तर पर पोषण पुनर्वास केंद्र का निर्माण कराया जाए और उनमें बेडों की संख्या अधिक रखी जाए। तत्काल शहरी क्षेत्र में 50 बेड का अस्थाई पोषण पुनर्वास केंद्र की व्यवस्था करने हेतु स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने के लिए उनके घर पर ही संतुलित आहार एवं वांछित दवा देकर कुपोषण से बाहर निकाला जाए। इसके लिए तीन श्रेणी में कुपोषित बच्चों को रखा जाए, अति कुपोषित, कुपोषित एवं अस्वस्थ। इसके लिए पहले जिला स्तर पर तदुपरांत प्रखंड स्तर पर संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिनमें स्वास्थ्य विभाग, जीविका, समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) को शामिल किया जाए। इसके लिए पोस्टर, पंपलेट एवम् आवश्यक प्रचार सामग्री की तैयारी कर ली जाए। साथ ही शिशु चिकित्सक को संवेदनशील बनाया जाए बैठक में सभी संबंधित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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