धनंजय कुमार
गोपालगंजः एक तरफ सरकार दावे कर रही है कि बाढ़ प्रभावितों को पूरी सहायता कर रही है। लेकिन जमीनी धरातल पर इसकी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। क्षेत्र में बाढ़ से जूझ रहे लोगों के पास न खाने का ठिकाना बचा। न सर छिपाने को आशियाना। कोरोना काल में अचानक से बाढ़ का कहर बरपा और सारे रास्ते बंद हो गए तो गाँव में बाढ़ के पानी मे फंसे लोगों की दशा दयनीय हो गयी है।इनके लिए यह समझना मुश्किल है कि आखिर किधर को जाए।
सरकार का कहना है कि बाढ़ पीड़ितों को हर सुविधा मुहैया कराया जा रहा है लेकिन सरकार का किया हुआ दावा हवा हवाई ही नजर आ रहा है अभी भी हजारो ऐसे घर है जिनके घर तक न तो सरकार की किया हुआ व्यवस्था पहुँच पा रही है ना तो वहाँ के स्थानीय जन प्रतिनिधि ही पहुँच रहे है लोग तो लोग मवेशियों को भी भूख की मार झेलना पड़ रहा है।बस यही उम्मीद में सब लोग रह रहे है की कोई तो भगवान या आल्हा का बंदा आए और भूखे पेट को खाना और सूखे गले को पानी दे।
समाजसेवी कर रहे हैं मदद
कुछ समाज सेवियो के द्वारा उन लोगो तक मदद जरूर पहुंचाया जा रहा है वैसे में एक नाम है लवली सिंह। यह हमारे गोपालगंज की एक आम नागरिक है जो दिल्ली से छुट्टियों में घर भोजपुरवाँ में अपने परिवार के साथ समय बिताने आई है। लवली_सिंह का जन्म गोपालगंज के भोजपुरवाँ गांव में हुआ, गोपालगंज जिला में ही इनका बचपन गुजरा औऱ पढ़ाई लिखाई दिल्ली से पेशेवर रूपसज्जा (प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट) का किया है। यह बाढ़ पीड़ितों को चूड़ा मीठा,ज़रूरत की दवाई और पुड़ी सब्जी बना कर ले जाकर खिला रही हैं।इन्हें मानव सेवा करना है इन्हे दुख है की जनता बाढ में फंसी है विपदा में संकट में है। इन्होंने अपील भी किया कि जो सक्षम है उन्हें आगे आकर बाढ़ में फंसे हुए गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए।