NEWSPR डेस्क। देश में किसान बिल लागू होने के बाद गुजरात से बिहार पहूंची पहली किसान रेल का बापूधाम मोतिहारी रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत किया गया। कोरोना के कारण बन्द पडे सवारी गाड़ियों को केन्द्र सरकार के किसानों को लाभ पहूंचाने के लिए आधे भाड़ा पर उनके उपज को देश के दूसरे कोने में पहुंचाने का निर्देश दिया है। जिसके बाद बन्द पडे सवारी गाडियों से व्यवसायियों को आधे भाड़ा पर किसानों के उपज को पहुंचा रही है। गुजरात के हिम्मतनगर से 256 टन आलू को मोतिहारी लाया गया है। इतने आलू को लाने में व्यवसायियों को बतौर भाड़ा 13 लाख रुपये और एक सप्ताह का समय लगता। केन्द्र सरकार और रेलवे की पहल से आधे भाड़ा लेने पर व्यवसायियों को महज पांच लाख 60 हजार रुपये भाड़ा रेलवे को देने पडे हैं। जिससे आम उपभोक्ताओं के लिए बाजार में सस्ते आलू उपलब्ध हो सके हैं।
व्यवसायियों ने रेल के आने पर मिठाईयां बांटी तो रेल के बागियों को खोलने और आलू को उतारने की प्रक्रिया का उद्घाटन भाजपा के व्यवसायी मंच के प्रदेश अध्यक्ष विधान पार्षद बब्लू गुप्ता ने फीता काटकर किया है। पहली किसान रेल के बापूधाम मोतिहारी रेलवे स्टेशन के रैंक प्वाईंट पहुंचने पर विधान पार्षद बब्लू गुप्ता ने उद्घाटन कर बॉगी को खोला और ट्रेन के बर्थ पर रख कर लाये जा रहे आलू को देखा। इस मौके पर विधान पार्षद बब्लू गुप्ता ने कहा कि किसान बिल का लाभ गुजरात के किसान उठा रहे हैं। यह ट्रेन पूर्वी चम्पारण के किसानों के लिए नसीहत है। सरकार सभी मौके पर मदद करने को तैयार है। खेती से लेकर उपज की बिक्री के लिए सरकार बाजार तक सस्ते दर पर माल को पहूंचाने में सहूलियत दे रही है। सरकार की इस नीति से किसानों की आय बढ़ेगी। साथ ही कहा कि गुजरात से आयी आलू का नाम एलएस आलू दिया गया है,जिसका मतलब है लेस सुगर आलू। जो आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है और सस्ते भी है।