NEWSPR डेस्क। गया के अंतर्गत इमामगंज प्रखंड के कोठी थाना की पुलिस झारखण्ड की जनता के साथ का एक बार फिर से सोशल मीडिया पर बालू से लदी ट्रैक्टर का वीडियो वायरल हुआ है। बता दें कि कोठी थाना की सीमा पड़ोसी राज्य झारखण्ड के चतरा ज़िला के प्रतापपुर प्रखण्ड से लगती है। जैसा कि बिहार सरकार द्वारा बिहार में बालू पर प्रतिबंध लगाया गया है,आप बालू वहीं से खरीद सकते हैं जहां बालू घाट बना है या जहां से बिहार को राजस्व प्राप्त होता है।
अन्यथा दूसरी जगह से बालू उठाव वर्जित है। इसी को लेकर कोठी थाना की पुलिस हमेशा विवाद में रहती है। स्थानिय सूत्रों का कहना है के कोठी थानाध्यक्ष पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार में लीन हो चुके हैं। क्योंकि कोठी थाना क्षेत्र में उन्हीं की ट्रैक्टर चलती है,जो 5 हज़ार का महीना और बीच बीच में मुर्गा और सलामी देते रहते हैं। उसी बीच दूसरे व्यक्ति की ट्रैक्टर बालू ढोने पहुंचती है तो थानाध्यक्ष को महीना देने वाले माफिया कहते हैं,के हमलोग आपको महीना देते हैं,और दूसरे की ट्रैक्टर चल रही है।
तभी थानाध्यक्ष वैसी ट्रैक्टर को पकड़ कर एफआईआर करते हैं। या मोटी रकम लेकर छोड़ते हुए उसे सिस्टम में आने के लिए कहते हैं। इसी प्रकार पूर्व में भी घटना घट चुकी है। इसी को लेकर प्रतापपुर थाना के लोग 18 अगस्त 2022 की संध्या को कोठी थाना की पुलिस का विरोध किया। क्योंकि कोठी थानाध्यक्ष स्वयं ट्रैक्टर पकड़ने झारखण्ड राज्य के चतरा जिला के प्रतापपुर थाना के घोरीघाट पहुंच गए जहां झारखण्ड की जनता ने विरोध किया तो इन्हें वापस लौटना पड़ा।
जिसके बाद वे बालू माफिया द्वारा उन्हें कॉल कर दी गई फोन से जानकारी का मोबाइल नंबर बताते हुए झारखण्ड के दर्जनों लोगों के एलावे करीब 60 लोगों को अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया है। अब सभी बात सामने आजाएगी के जिस नंबर से थाना को कॉल गया उस व्यक्ति का क्या पेशा है। इससे कई पोल खुल सकती है।
गया से मनोज की रिपोर्ट