संत निरंकारी मंडल के ब्रांच-मोतिहारी की ओर से आज को जिला स्तरीय निरंकारी बाल संत समागम का आयोजन भवानी मंडप, ज्ञान बाबू चौक, मोतिहारी में हुआ। इस बाल समागम में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से आध्यात्मिक संदेश दिया गया। इस जिला स्तरीय बाल संत समागम में मोतिहारी, चकिया, रक्सौल, सीतामढ़ी के लगभग 400 बच्चों ने भाग लिया।
इस समागम का विशेष आकर्षण बाल प्रदर्शनी था। इसमें नन्हें-मुन्ने बच्चों द्वारा अपने सतगुरु की सिखलाई अनुसार सामाजिक कार्यों जैसे रक्तदान, वृक्षारोपण (वननेस- वन), सफाई अभियान, जल बचाओ अभियान (अमृत प्रोजेक्ट) आदि का संदेश दिया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महात्मा जवाहर प्रसाद जी (संयोजक सह ज्ञान प्रचारक, मुजफ्फरपुर) ने अपने आशीष भरे वचनों में कहा कि वास्तव में साध संगत ही गुरुमत की पाठशाला होती है। इसीलिए सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को बचपन से ही आध्यात्म से जोड़ना चाहिए ताकि उनके मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा एवम् विचारों का संचार बचपन से ही हो क्योंकि छोटे बच्चे कच्ची मिट्टी के समान होते है, उन्हें हम जैसा बनाना चाहते है, वैसा बना सकते है। हमें बच्चों को पढ़ाई के साथ नैतिक मूल्यों और आध्यात्म की शिक्षा अवश्य देनी चाहिए।
समागम का संचालन बहन ज्योति चौहान जी ने किया। मोतिहारी ब्रांच के मुखी महात्मा गणेश प्रसाद जी ने पूरी साध संगत का आभार व्यक्त किया व विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने वाले बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मोतिहारी के सेवादल अधिकारी महात्मा ललन सोनी जी, बहन राखी जी एवम् समस्त साध संगत उपस्थित थे।