बिहार का एक गांव, जो आज भी रोड के लिये तरस रहा, आजादी के 7 दशक बाद भी नहीं बदली गांव की तस्वीर

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि शिक्षा पर जोड़ देंगे और नई सड़कें को सपने दिखा रही थी आज तक सपने हकीकत नहीं हुए उनको तो बस वादा करना था और सब कुछ भूल कर निकल जाना था शायद कुछ बातें आजकल रोहतास जिले के नोखा प्रखंड के महाराजगंज गांव में चचरी के सहारे गावं से निकलने को मजबूर है ग्रामीण आजादी के बाद भी इस गावं के लोगों को बाजार जाने के लिए चचरी के सहारे जाना पड़ता है ।

दरसल यह गावं नोखा प्रखण्ड के घुशियां पंचायत अंतर्गत था लेकिन नोखा नगर परिषद जब नगर निगम में तब्दील हुआ तो यह गावं नोखा नगर परिषद में आ गया इसके बावजूद भी इस गांव की तस्वीर नहीं बदली । यहां लोग अपनी जान जोखिम में डालकर चचरी के सहारे आते जाते हैं लिहाजा गावं के ग्रामीणों ने बताया कि नोखा विधानसभा में यह गावं आता है ऐसे में यहां से राजद के विधायक अनिता देवी हैं एक बार पर्यटन मंत्री रहीं और दूसरे बार विधायक बनी ऐसे में जब इस समस्या से उनको अवगत कराया गया तो उन्होंने केवल आश्वाशन देकर मामले को नजर अंदाज कर दिया। वहीं इस क्षेत्र के एमएलसी से बात की गई है पर अभी भी इस नहर में पुल नहीं बन सका ।

आपको बता दें कि बक्सर लाइन के किनारे बसे उक्त गावं की जनसंख्या करीब हजारों के आसपास है। इस गांव के ग्रामीण बताते हैं कि आजादी के बाद भी नहर में पुल नहीं बना जहां रात्रि के समय मे यदि कोई बीमार हो जाता है तो इलाज कराने जाने में खतरे से खेलकर जाना पड़ता है शादी विवाह में भी दूल्हे को कंधे पर उठा कर लाना पड़ता है। मां काली मंदिर भी नहर के दूसरे छोर पर है ।

Share This Article