NEWSPR डेस्क। सारण के एक सरकारी स्कूल में लड़कियों को मिलने वाली सैनिटरी नैपकिन और पोशाक योजना के तहत अद्भुत कारनामा सामने आया है। जानकारी के मुताबिक योजना के नाम पर यहां लड़कों को सैनिटरी नैपकिन बांटे जा रहे थे। यह कार्य बीते तीन साल से चल रहा था। इसका खुलासा तब हुआ जब नए प्रधानाध्यापक ने पदभार ग्रहण किया।
बता दें कि मांझी प्रखंड के हलखोरी साह उच्च विद्यालय में लड़कियों के लिए चलाई जा रही सैनिटरी नैपकिन और पोशाक योजना का लाभ दर्जनों लड़कों को भी मिला है। यह घोटाला नए प्रधानाध्यापक के पदभार ग्रहण करने के बाद उजागर हुआ। नए प्रधानाध्यापक से जब शिक्षा विभाग ने पुरानी योजनाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगे। जिसमें करीब एक करोड़ रुपये की योजनाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किए गए मिले। जिसके बाद जब जांच शुरू की गई, तब बैंक स्टेटमेंट खंगालने के दौरान पता चला कि लड़कियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की राशि लड़कों के खातों में भी ट्रांसफर की जाती रही है।
इस क्रम में यह भी पाया गया कि लड़कियों को दी जाने वाली सैनिटरी नैपकिन का लाभ दर्जनों लड़कों को भी दिया जा रहा। वहीं मामले को लेकर नए प्रधानाध्यापक रईस उल एहरार खान ने डीएम को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। मामले पर एक्शन लेने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा जांच टीम का गठन किया जाएगा। बता दें कि विभाग ने जांच शुरू कर दी है। इस घोटाले मे जिनका भी हाथ है सबकी धरपकड़ की जाएगी।