भागलपुर से एक ऐसी हृदय विधायक घटना सामने आई है जिसे सुनकर आपके पांव तले जमीन खिसक जाएगी यह मामला भागलपुर के विक्रमशिला पुल पहुंच पथ का है, वैसे तो पुलिस का नाम सुनने से अक्सर ही कोर्ट-कचहरी या फिर क्राइम की सीन की याद आती है। कई बार पुलिस वाले के वर्दी भी दागदार होते हैं। पर ऐसे में भी कई मौके आते हैं जिसमें पुलिस को पीठ थपथपाने का मन करता है। कुछ ऐसा ही भागलपुर में देखने को मिला है। कहते हैं इस संसार में अपने बच्चों से ज्यादा प्यारा मां-पिता के लिए कोई नहीं होता है, लेकिन भागलपुर में माँ-पिता ने जो किया वह दिल को दहला देने वाला है। दरअसल जन्म के तुरंत बाद नवजात बच्ची को गंगा नदी के ऊपर बने विक्रमशिला पूल पर रेलिंग के बगल में गार्डर पर थैला में बंद कर रख दिया। विक्रमशिला पुल के बिजली खम्भा 113 के बगल से एक राहगीर गुजर रहा था तो उसे बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी राहगीर ने इसकी जानकारी ट्रैफिक पुलिस को दी। बिहार पुलिस के जवान ने जान हथेली पर रखकर गार्डर पर चढ़कर बच्ची को बाहर निकाला, नवजात बच्ची थैले में कपड़े में लिपटी हुई रो रही थी। तुरंत इसकी सूचना एसडीओ व डीएसपी को दी गई जिसके बाद बच्ची को ईलाज के लिए जेएलएनएमसीएच अस्पताल मायागंज में भर्ती कराया गया, अब उसे चाइल्डलाइन के सहयोग से अनाथालय में रखा जाएगा। जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग जमकर इस वीडियो को शेयर कर रहे है और भागलपुर पुलिस को मसीहा बता रहे है। वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है की पुल के रेलिंग के बगल में गार्डर पर थैला के अंदर कपड़े में लिपटा हुआ कुछ रखा है और पुलिस के जवान उस थैले को बाहर निकालते है और थैले से बच्चे की रोने की आवाज आ रही है।
मायागंज अस्पताल में चल रहा नवजात शिशु का इलाज-
फिलहाल बच्ची तो डॉक्टर की देखरेख में रखा गया है। डॉक्टर और नर्स की टीम द्वारा आवश्यक उपचार और देखभाल किया जा रहा है। पर जिस तरह से नवजात को तड़पने के लिए छोड़ दिया गया वह कहां का न्याय है। क्या मां का कलेजा नहीं कांपा होगा। जिसको 9 महीने तक अपने गर्भ में रखा उसे मरने के लिए पुल पर फेंक दिया।
अगर देर हो जाती तो शायद नवजात को बचा पाना मुश्किल था- वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार –
इस मामले को लेकर वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने बताया कि विक्रमशिला पूल पर नवजात के मिलने की सूचना मिली उन्होंने कहा विक्रमशिला पुल पर यातायात पुलिस के गश्ती के दौरान इस नवजात को एक थैली में बंद कर किसी ने छोड़ दिया था बच्चों की रोने की आवाज सुनकर कुछ लोग इकट्ठा हुए इसी भीड़ को देखने के लिए गश्ती वाले जैसे ही वहां खड़े हुए तो उन्हें उसे थैली में नवजात शिशु दिखा उसे बच्चों को पुलिस वाले ने कुशलतापूर्वक वहां से उठाकर सीधे मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका कुशलतापूर्वक इलाज चल रहा है।वहीं एसपी नहीं है यह भी बताया कि अगर इस नवजात शिशु को बरामद करने में वक़्त लगता तो उसे नहीं बचाया जा सकता था। गस्ती में तैनात जवान के इस कार्य से खुश होकर वरीय पुलिस अधीक्षक ने पुलिसकर्मी को धन्यवाद दिया। आनंद कुमार, SSP, भागलपुर ने कहा की हमारा ट्रैफिक जवान विक्रमशिला पुल पर तैनात था, नवगछिया की ओर से भी और भागलपुर की ओर से भी, उस टीम के द्वारा एक नवजात बच्चा जिसका जन्म कुछ घंटे पहले हीं हुआ था, उसको देखा गया और तुरंत उस बच्चे को मायागंज अस्पताल में सिफ्ट किया गया और जो भी समुचित चिकित्सा व्यवस्था है वह दी गई। यह अच्छी पहल है और हमने एक जान को बचाया है।