NEWSPR डेस्क। बिहार में तीन नए विश्वविद्यालय के जल्द स्थापित किये जाने का रास्ता साफ हो गया है। मेडिकल विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय और खेल विश्वविद्यालय विधेयक पर कैबिनेट ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी है। 26 जुलाई से शुरू हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र में इस विधेयक को पारित किया जाएगा। इसके बाद राज्यपाल की सहमति लेकर विश्वविद्यालय अधिनियम राज्य में लागू हो जाएगा। इन तीनों विश्वविद्यालय में होने वाले तमाम फैसलों पर राज्यपाल के बजाय मुख्यमंत्री की मुहर लगेगी। यानी तीनों विश्वविद्यालय के चांसलर राज्यपाल के बजाय मुख्यमंत्री होंगे।
अभियंत्रण विश्वविद्यालय के अधीन राज्य के सभी सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेज होंगे। वहीं, सभी मेडिकल कॉलेज चिकित्सा विवि के अधीन आएंगे। अभी इंजीनिर्यंरग और मेडिकल कॉलेज आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत आते हैं। इंजीनिर्यंरग और मेडिकल कॉलेजों के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालय होने से इन संस्थानों में और अधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल हो सकेगी। इसी मकसद से यह बनाया गया है। वहीं, खेल के विकास को लेकर इसका अलग विवि बनाया जा रहा है।
राजगीर में खेल विश्वविद्यालय की स्थापनी की जएगी। अन्य दो विश्वविद्यालयों को मीठापुर के समीप स्थापित करने की योजना है। अभियंत्रण विवि की एकेडमिक काउंसिल, जेनरल काउंसिल और प्र्लांनग बोर्ड में आईआईटी पटना, एनआईटी पटना और चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक को भी शामिल किया गया है। कॉलेजों के पाठ्यक्रम और विकास संबंध निर्णयों में इन सबों की भी भूमिका होगी। मालूम हो कि मुख्यमंत्री के सात निश्चय पार्ट-2 में भी इन तीनों विश्वविद्यालय की स्थापना को शामिल किया गया है।