NEWSPR डेस्क। पटना में शनिवार को विशेष अभियान चला कर बाहर से आने वाले कई वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई। अभियान के तहत झारखंड समेत अन्य राज्यों के 21 वाहनों पर कार्रवाई की गई। इसके साथ ही मोटरवाहन अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत कुल 487 वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई। इसमें सीटबेल्ट, हेलमेट, फिटनेस, इंश्योरेंस आदि की भी जांच की गई। जुर्माना के साथ विभिन्न धाराओं के तहत 54 वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की गई।
टैक्स चोरी के उद्देश्य से भी कराते हैं दूसरे राज्य में वाहन रजिस्ट्रेशन
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि टैक्स चोरी के उद्देश्य से एवं अन्य कारणों से वाहन मालिक लक्जरी और अन्य वाहनों का रजिस्ट्रेशन झारखंड से कराते हैं और चोरी छुपे स्थायी तौर पर बिहार में परिचालन करते हैं। यह मोटरवाहन अधिनियम का उल्लंघन है। इससे बिहार को राजस्व क्षति भी हो रहा है।
झारखंड या अन्य राज्य के वास्तविक वाहन मालिक को परेशान होने की जरूरत नहीं
परिवहन सचिव ने बताया कि झारखंड एवं अन्य राज्य के वास्तविक वाहन मालिक को घबड़ाने की जरूरत नहीं है। वो अपना पेट्रोल पंप रसीद, ड्राइविंग लाइसेंस, टोल प्लाजा के रसीद, आधार कार्ड, डीएल, या अन्य कोई प्रमाण पत्र दिखा कर झारखंड या अन्य राज्य से आने का प्रूफ दिखाएंगे तो उन्हें फाइन नहीं लगेगा।
परिवहन विभाग को विभिन्न स्रोतों से यह सूचना मिली है कि अन्य राज्यों के निबंधित वाहन का अवैध परिचालन बिहार में किया जा रहा है। यहां के स्थायी निवासी आस-पास के राज्यों में अवैध रूप से वाहनों का निबंधन करवा रहे हैं और बिहार में वाहनों का परिचालन कर रहे हैं। गलत पते देकर रजिस्ट्रेशन कराने वाले वाहन मालिकों के प्रमाण पत्रों की भी जांच की जाएगी।
आसानी से ले सकेंगे रजिस्ट्रेशन नंबर
परिवहन सचिव ने कहा है कि झारखंड और अन्य राज्यों में रजिस्ट्रेशन करा स्थायी रुप से बिहार में चलाने वाले वाहनों को अब बिहार का नंबर लेना पड़ेगा। बिहार का नंबर लेने के लिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे आवेदन प्राप्त होने के सात दिनों के अंदर बिहार का नंबर प्रदान करें।
क्या है प्रावधान
मोटरवाहन अधिनियम की धारा- 49 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि अपने निवास स्थान में परिवर्तित स्थान पर उपयोग करते हैं तो अधिकतम 30 दिनों के अंदर वाहन स्वामी को परिवर्तित स्थल से संबंधित निबंधन प्राधिकार जिला परिवहन पदाधिकारी को वाहन उपयोग की सूचना देना अनिवार्य है। इसके बाद ही परिवर्तित क्षेत्र में वाहन का परिचालन वैध होगा। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो वाहन का परिचालन अवैध होगा।
कैसे प्राप्त करें स्थानीय निबंधन संख्या
वाहन स्वामी द्वारा स्थानीय डीटीओ कार्यालय में विहित प्रपत्र में आवेदन तथा अनापति प्रमाण पत्र के अनुरोध संबंधी साक्ष्य के अतिरिक्त अन्य कागजात जमा करना होगा।
प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा बिहार का नंबर
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि अन्य राज्यों के निबंधित वाहनों का बिहार में स्थायी रूप से परिचालन किये जाने का मामला प्रकाश में आया है । इसके साथ ही कई निजी वाहनों के मालिक हैं जो अन्य राज्यों से निबंधित वाहन का एनओसी लेकर बिहार में अपने वाहन का निबंधन कराना चाहते हैं। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर बिहार का नंबर दिया