NEWSPR डेस्क। खबर नालंदा से है। जहां एक मार्मिक घटना सामने आ रही है। सरकारी बाबुओं की सहायता नहीं मिलने से अपने जख्मी पिता को इलाज के लिए पुत्र ठेले पर ढोने को मजबूर हो गया। गौरतलब है कि सोहसराय थाना क्षेत्र इलाके के कटहल टोला में नवनिर्मित मकान पर वाटर टैंक चढ़ाने के क्रम में मकान का छज्जा गिर गया। जिससे इस घटना में ठेला चालक समेत दो मजदूर जख्मी हो गए।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि कटहल टोला इलाके में फकीरचंद ठेला पर लोड करके नवनिर्मित मकान पर मजदूर टंकी चढ़ा रहा था। इसी दौरान यह हादसा हुआ। अब इस घटना में नया मोड़ उस वक्त आया। जब दोनों जख्मी फकीरचंद और अन्य मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां से चिकित्सकों ने एक जख्मी को गंभीर हालत में रेफर कर दिया। हालांकि जख्मी परिजनों व वार्ड पार्षद के द्वारा इसकी सूचना स्थानीय सोहसराय को भी दी गई ताकि सोहसराय के द्वारा जख्मी की मदद की जा सकती थी। लेकिन स्थानीय थाना पुलिस के द्वारा त्वरित मदद नहीं मिलने के कारण जख्मी फकीरचंद के पुत्र के द्वारा अपने पिता ठेले पर ही रखकर करीब 2 किलोमीटर चलाकर सदर अस्पताल पहुंचाया।
हालांकि सदर अस्पताल के द्वारा जख्मी को कुछ दूरी पर रहते हुए सरकारी एंबुलेंस मुहैया कराया गया था। अगर समय रहते फकीरचंद को एंबुलेंस की सेवा या फिर यूं कहें सरकारी सेवा अगर मिलता तो शायद उसकी जान भी बच सकती थी। एक ओर राज्य सरकार गरीबों की मदद के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती है लेकिन योजनाएं धरातल पर जाती है।
वहीं इस मामले को लेकर सिविल सर्जन अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि अगर किसी प्रकार की भी इलाके में घटना घटती है तो किसी भी घायल व्यक्ति को लाने के लिए 102 पर डायल करना चाहिए तब जाकर उस पर आपको फ्री एंबुलेंस की सेवा दी जाती है। सिविल सर्जन ने कहा कि लोगों में अभी भी जागरूकता की कमी देखी जा रही है। सिविल सर्जन ने भी माना कि जब इस घटना की सूचना सोहसराय थाना को दी गई थी तो यह उनकी जवाबदेही थी कि उनके द्वारा 102 डायल करके जख्मी फकीरचंद को एंबुलेंस मुहैया करवाना चाहिए था।
ऋषिकेश संवाददाता नालंदा