NEWSPR डेस्क। शुक्रवार को बिहार सरकार की कैबिनेट हुई, जिसमें 21 एजेंडा पर सहमति बनी। इस बैठक में सरकार ने तीन नए विश्व विद्यालयका गठन करने का फैसला किया है। इसके लिए कैबिनेट की बैठक के बाद जानकारी दी गई है. सरकार ने यह तय किया है कि इंजिनयररिंग, मेडिकल और खेल के लिए अलग यूनिवर्सिटी राज्य में बनाया जाएगा। इसके साथ ही, बिहार सरकार के इस कैबिनेट बैठक में सरकार ने ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर और डीडीसी के अधिकार में कटौती की है। कार्यपालक पदाधिकारी, पंचायती राज पदाधिकारी या फिर उप सचिव स्तर के अफसरों को अतिरिक्त पावर दिया गया है।
बीडीओ व डीडीसी अब पंचायती राज की योजनाओं से मुक्त : पंचायती राज विभाग की योजनाओं को जमीनी स्तर अमलीजामा पहनाने के लिए किये गये प्रशासनिक बदलाव से संबंधित अधिनियम को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। अब त्रिस्तरीय पंचायत की योजनाओं को प्रखंड स्तर पर बीडीओ की जगह प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी देखेंगे, जबकि जिला स्तर पर इसके लिए डीडीसी की जगह बिहार प्रशासनिक सेवा के नये अधिकारी के पद सृजित किये जायेंगे।
डीडीसी के पास जिले में ग्रामीण विकास की योजनाओं के साथ अन्य प्रशासनिक जिम्मेदारी होती है। ऐसे में पंचायती राज की विकास की योजनाएं प्रभावित होती हैं, इसी प्रकार से अब प्रखंड स्तर पर बीडीओ को पंचायती राज की योजनाओं से मुक्ति मिल जायेगी।
मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में अलग ट्रांसफॉर्मर : कैबिनेट ने कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों और अनुमंडलीय अस्पतालों में पीएसए मशीन व ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट को संचालित करने के लिए अलग से केबलयुक्त ट्रांसफॉर्मर स्थापित करने की मंजूरी दी है।
केबल वाले ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम साउथ बिहार पावर : ड्रिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और नॉर्थ बिहार पावर ड्रिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड करेंगी. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को 26 करोड़ 51 लाख 55 हजार रुपये और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को 27 करोड़ 56 लाख 82 हजार रुपये देगी।