बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीमावर्ती जिलों में सख्ती, शराब व हथियार तस्करी पर नकेल

Jyoti Sinha

आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार पुलिस ने सीमावर्ती इलाकों में चौकसी तेज कर दी है। शराब, नशे के सामान और हथियारों की अवैध आवाजाही रोकने के लिए 23 प्रमुख स्थानों पर 393 चेकपोस्ट बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, पड़ोसी राज्यों की सीमा पर भी 176 मिरर चेकपोस्ट तैयार होंगे—जिनमें उत्तर प्रदेश में 96, पश्चिम बंगाल में 34 और झारखंड में 46 जगहों को चुना गया है।

यह जानकारी सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी (मद्य निषेध इकाई) अमित कुमार जैन ने दी। उन्होंने बताया कि जनवरी से अगस्त 2025 तक 6 लाख 20 हजार लीटर से ज्यादा अवैध शराब जब्त की गई है, जिसकी कीमत 72 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। यह कार्रवाई पिछले वर्ष की तुलना में 16% अधिक है।

शराबबंदी कानून लागू होने (2016) से अब तक 2 करोड़ 75 लाख लीटर से ज्यादा शराब पकड़ी गई है, जिसमें से लगभग 97% नष्ट की जा चुकी है। नेपाल सीमा से हो रही तस्करी रोकने के लिए अब तक 188 बैठकें की गईं, जबकि पड़ोसी राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ भी लगातार समन्वय बैठकों का दौर जारी है।

84 हजार से अधिक गिरफ्तारी
इस साल अगस्त तक अवैध शराब मामलों में 84 हजार 789 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 52 हजार से ज्यादा शराब पीने वाले, करीब 30 हजार सप्लायर और 2400 से अधिक वारंटी आरोपी शामिल हैं। वहीं, 14 हजार से ज्यादा लोगों के नाम गुंडा पंजी में दर्ज किए गए हैं। कई पर बीएनएसएस और सीसीए की धाराओं में केस दर्ज है।

राज्य से बाहर तक फैला नेटवर्क
मद्य निषेध इकाई ने बिहार से बाहर तस्करी में शामिल 305 आरोपियों की पहचान की है। इनमें से कई के खिलाफ अन्य राज्यों की पुलिस ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। 5 अपराधियों को बिहार पुलिस की टीम ने बाहरी राज्यों में दबोचा है।

क्यूआर कोड और बैच नंबर से खुल रहे राज
बिहार में आने वाली ज्यादातर अवैध शराब यूपी, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, बंगाल, झारखंड, राजस्थान और अरुणाचल से लाई जाती है। जब्त बोतलों के बैच नंबर और क्यूआर कोड की मदद से होलसेलर और रिटेलर तक की पहचान की जा रही है और संबंधित राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई चल रही है।

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