बिहार शरीफ सदर अस्पताल में इन दिनों सदर अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सकों की जगह ओझा भगत इलाज करते हैं। गौरतलब है कि सोमवार को बिहार शरीफ सदर अस्पताल में रात्रि के 8:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक अपने कर्तव्य से गायब रहे। इस दौरान दर्जनों मरीज अपना इलाज कराने बिहार शरीफ सदर अस्पताल आए और उल्टे पांव उन्हें जाना पड़ गया। हद तो तब हो गई जब बिहारशरीफ प्रखंड के ही नेवाजी बीघा गांव से एक जहरीले जीव काटने के बाद एक व्यक्ति उदय कुमार को बिहार शरीफ सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया लेकिन चिकित्सक गायब होने के वजह से परिजनों ने बिहार शरीफ सदर अस्पताल में ओझा भगत को बुलाकर इलाज करना शुरू कर दिया। करीब एक घंटे तक बिहार शरीफ सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में नीम के टहनी के सहारे व्यक्ति का इलाज किया जा रहा था, 1 घंटे तक इमरजेंसी वार्ड ओझा भगत के मंत्रोच्चारण से गूंजता रहा गनिमत यह रही कि चिकित्सक के गायब होने की वजह से पूरा इमरजेंसी वार्ड खाली था अन्यथा अन्य मरीजों को भी इस झाड़-फूंक का सामना करना पड़ता। जैसे ही एसएनसीयू में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक पंकज कुमार को सूचना मिली चिकित्सक के द्वारा ओझा भगत को झाड़-फूंक करने से मना किया एवं वहां पर मौजूद मीडियाकर्मियों को भी न्यूज़ कवरेज से रोका गया। एक ओर बिहार की सरकार स्वास्थ्य महकमे को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए मिशन 60 के तहत पूरे स्वास्थ्य महकमे का कायाकल्प बदल रही है। वहीं दूसरी ओर बिहार शरीफ का सदर अस्पताल इन दिनों ओझा भगत के सहारे चल रही है।