पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 जवानों की शहादत और चीनी घुसपैठ को लेकर शुरू से ही मोदी सरकार राहुल गांधी एक के बाद एक सवाल खड़े कर मोदी सरकार को घेरने में जुटे हैं। ऐसे में बीजेपी ने राहुल गांधी को उन्हीं के अस्त्र से सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी रक्षा समिति के सदस्य होने के बाद भी समिति की किसी भी बैठक में शामिल नहीं होते हैं, लेकिन दुख की बात है कि वो राष्ट्र का मनोबल गिराना जारी रखते हैं।
नड्डा ने ट्वीट पर राहुल की समझ पर सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘राहुल गांधी एक गौरवशाली वंश परंपरा से जुड़े हैं, जहां समिति मायने नहीं रखती. कांग्रेस में कई योग्य सदस्य हैं जो संसदीय मामलों को समझते हैं लेकिन एक राजवंश ऐसे नेताओं को कभी बढ़ने नहीं देगा।’
राहुल गांधी रक्षा समिति के सदस्य, लेकिन बैठक से रहते हैं दूर
जेपी नड्डा ने दूसरे ट्वीट में कहा कि रक्षा समिति के सदस्य होने के बाद भी राहुल गांधी एक भी बैठक में शामिल नहीं होते हैं। दुख की बात है कि वह लगातार राष्ट्र का मनोबल गिरा रहे हैं, हमारे सशस्त्र बलों की वीरता पर सवाल उठाते हैं और वह सब कुछ करते हैं जो एक जिम्मेदार विपक्षी नेता को नहीं करना चाहिए।
रक्षा समिति के सदस्य और बीजेपी के राज्यसभा सांसद अशोक वाजपेयी ने भी कहा है कि रक्षा समिति में वरिष्ठ लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं। राहुल गांधी भी इस समिति के सदस्य हैं, लेकिन पिछले एक साल में हुई किसी भी बैठक में वो शामिल नहीं हुए हैं. इससे उनकी राष्ट्र की रक्षा को लेकर गंभीरता को समझा जा सकता है।
अशोक वाजपेयी ने कहा कि चीन मामले पर राहुल गांधी जिस तरह से सेना के मनोबल गिराने वाले बयानबाजी मीडिया में दे रहे हैं, यह देश के छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है. उन्हें रक्षा मामले में अगर इतनी ही समझ है तो बेहतर होता कि वह रक्षा समिति की बैठक में शामिल होकर अपनी राय देते। वो शामिल होते तो उन्हें देश की रक्षा संबंधी जानकारी भी होती। पिछले एक साल में तकरीबन एक दर्जन बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन राहुल गांधी किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए हैं।