NEWSPR डेस्क। मुजफ्फरपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। 55 वर्षीय एक मरीज की पेट में शीशे की ग्लास पाई गई। जानकारी के अनुसार चाय पीने वाला ग्लास था। मरीज को इसकी जानकारी तब लगी जब उसे पेट दर्द और कॉन्स्टिपेशन होने लगा। पहले तो उसने दवा दुकान से दवा खरीद कर खाया। दर्द तो कुछ देर के लिए आराम हो गया। लेकिन, शौच करने में उसे तकलीफ हो रही थी।
जब दवा का असर समाप्त हुआ तो दर्द फिर बढ़ गया। इसके बाद वह माड़ीपुर में डॉ. महमुदुल हसन के नर्सिंग होम में गया। डॉक्टर से अपनी परेशानी बताई। एक्सरे और अल्ट्रासाउंड कर देखा गया। इसमें पाया कि आंत और मलद्वार के बीच मे एक शीशे का ग्लास फंसा हुआ है। मरीज को इसकी जानकारी दी गई। वह घबरा गया। डॉक्टर हसन ने बताया कि जब मरीज से पूछा गया कि ग्लास कैसे अंदर गया तो उसने जो जवाब दिया वह मानने लायक नहीं था।
मरीज ने कहा कि शायद चाय पीने के समय गले के रास्ते से ग्लास अंदर चला गया होगा। लेकिन, डॉक्टर ने उससे कहा कि यह असंभव है। गले से इतना बड़ा ग्लास कभी भी नहीं जाएगा। अगर जाएगा भी तो वह गले में अटक जाएगा। इस पर मरीज कुछ नहीं बोला। डॉक्टर ने बताया कि पहले तो मलद्वार के रास्ते ग्लास निकालने की कोशिश की गई। लेकिन, नहीं निकल सका। इसके बाद ऑपरेशन किया गया। पेट मे चीरा लगाकर ग्लास को बाहर निकाला गया। यह काफी जटिल था। क्योंकि जरा भी इधर-उधर होता तो मरीज की जान को खतरा हो सकता था। ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ग्लास को बाहर निकालने में सफलता मिली। डॉक्टर ने बताया कि मरीज अब बिल्कुल ठीक है।
मुजफ्फरपुर से रूपेश की रिपोर्ट