भागलपुर,एक तरफ जहां भागलपुर को सिल्क नगरी से जाना जाता है वहीं दूसरी ओर भागलपुर में सिल्क व्यवसाय करने वाले बुनकर काफी आर्थिक तंगी झेल रहे हैं उसका कारण बाजार में सिल्क सूत के दामों में काफी उछल हो जाना है, वहीं जहां भागलपुर रेशमी और खादी कपड़ों का जितना उत्पादन करती थी अब उससे कहीं ज्यादा बंगाल के लोग इसका उत्पादन कर रहे हैं, वही रेशमी और खादी कपड़े बंगाल में फल फूल रहे हैं और भागलपुर के बुनकर इससे परेशान हो रहे हैं ,इसको लेकर आज भागलपुर जिले की खादी संस्थान के द्वारा खादी संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य कार्यालय खादी और ग्रामोद्योग के सदस्य मनोज कुमार सिंह पहुंचे और यहां के खादी और रेशमी कपड़ों के विकास को लेकर कई बिंदुओं पर वार्ता की, उन्होंने कहा जो पहचान भागलपुर की रेशमी शहर से है उसे धूमिल ना होने दें इसके लिए अथक प्रयास किया जाएगा चाहे निफ्ट के छात्रों की मदद लेनी हो या फिर कई ऐसे संस्थान है जो कपड़ों की डिजाइनिंग करता हो उनसे मदद ली जाए साथ ही बुनकरों को सरकारी सहयोग दिलाया जाएगा जिससे भागलपुर में फिर से रेशमी कपड़े और खादी उद्योग बहाल हो सके, कार्यक्रम के दौरान दर्जनों बुनकर खादी संस्थान के दुकानदार व दुकान प्रबंधक मौजूद थे।