भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन को लेकर 26 दिसंबर को महा अधिवेशन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी का होगा आयोजन

Patna Desk

 

 

NewsPRLive-सासाराम,भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के तत्वाधान में आयोजित बारहवां महाधिवेशन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी का तीन दिवसीय आयोजन गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि होगें जबकि केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडे, फिल्म निदेशक डॉ चंद्र प्रकाश द्विवेदी भी शामिल होंगे। यह संगोष्ठी 26 दिसंबर से प्रारंभ होगा जो 28 दिसंबर तक चलेगा। संगोष्ठी का विषय स्व, स्वतंत्रता और प्रतिरोध: अतीत से वर्तमान तक, रखा गया है ।इस संगोष्ठी का आयोजन भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ,अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना ,नई दिल्ली तथा गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय,जमुहार के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भारी उद्योग मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे, प्रकाश द्विवेदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष देवी प्रसाद सिंह, गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गोपाल नारायण सिंह शामिल होंगे। कार्यक्रम के दौरान देश के विभिन्न भागों से आए हुए विद्वान अपने अपने शोध प्रस्तुत करेंगे तथा विभिन्न राज्यों के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

कार्यक्रम की रूपरेखा को लेकर आज गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के प्रांगण में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ बालमुकुंद जी ,राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय मिश्र जी, दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ रत्नेश त्रिपाठी, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ ओम उपाध्याय जी ,उपनिदेशक सौरभ कुमार मिश्र जी ,काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सहायक अध्यापक डॉ विकास सिंह एवं गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह ने संयुक्त रूप से संबोधित किया।

संवाददाता सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि भारतीय इतिहास में काफी छेड़छाड़ की गई है तथा इतिहास के सच्चाई को छुपाया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वर्षों वर्षों से शोध करके और इतिहास के सही तथ्यों को उजागर करते हुए विभिन्न पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं। आजादी के अमृत महोत्सव काल में उन सभी पुस्तकों का विमोचन इस कार्यक्रम के दौरान किया जाएगा। वक्ताओं ने कहा कि बिहार की धरती पर इस प्रकार का पहला आयोजन है जो कि देश के इतिहास के पन्नों का एक स्वर्णिम अध्याय होगा।

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