भारतीय सेना ने अहमदाबाद कैंट में सैनिकों के लिए 28 दिसंबर 2022 को अपनी पहली 3-डी प्रिंटेड आवासीय इकाई (ग्राउंड प्लस वन कॉन्फ़िगरेशन के साथ) का उद्घाटन किया। इस आवास इकाई का निर्माण मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस) द्वारा एमआईसीओबी प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से नवीनतम 3-डी की तेजी से निर्माण करने वाली प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए किया गया है।
इसमें गैराज के लिए स्थान के साथ 71 वर्गमीटर की आवासीय इकाई का निर्माण कार्य 3डी प्रिंटेड नींव, दीवारों और स्लैब का उपयोग करके केवल 12 सप्ताह में पूरा किया गया। आपदा-प्रतिरोधी संरचनाएं जोन-3 भूकंप विनिर्देशों एवं हरित भवन मानदंडों का पूर्ण अनुपालन करती हैं। 3-डी प्रिंटेड घर सशस्त्र बलों के कर्मियों की बढ़ती आवास आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं और ये आधुनिक समय के तेजी से निर्माण प्रयासों के प्रतीक हैं। यह ढांचा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को बढ़ावा देने में भारतीय सेना की प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।
इस तकनीक में एक ठोस 3डी प्रिंटर का उपयोग किया जाता है, जो कम्प्यूटरीकृत त्रि-आयामी डिज़ाइन पर कार्य करता है और खास तौर पर इस उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किए गए विशेष प्रकार के कंक्रीट को बाहर निकालकर परत-दर-परत तरीके से 3-डी संरचना तैयार करता है।
भारतीय सेना के अहमदाबाद स्थित गोल्डन कटार डिवीजन ने संचालन में भी कई गुना अनुप्रयोगों के साथ परियोजना को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय सेना की इकाइयों ने पहले से ही प्री-कास्ट स्थायी सुरक्षा तथा संचालन के लिए ऊपरी सुरक्षा उपायों के निर्माण में 3डी प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया है। इन संरचनाओं को वर्तमान में एक वर्ष की अवधि में मान्य किया जा रहा है और हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सभी इलाकों में इस्तेमाल किया गया है।