NEWSPR डेस्क। सीतामढ़ी में इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बैरगनिया सीमा को खोलने के लिए नेपाल में सैकड़ों ग्रामीणों ने सोमवार को विरोध-प्रदर्शन किया। जिसके बाद बॉर्डर से पैदल आवाजाही की मंजूरी प्रदान की गई। नेपाल के गौर भंसार बॉर्डर को पैदल यात्रियों के लिए आने व जाने के लिए खोल दिया गया है।परंतु बैरगनिया बॉर्डर को एसएसबी के द्वारा नहीं खोले जाने से भारतीय और नेपाली नागरिकों में काफी रोष है।
भारतीय क्षेत्र से नेपाल के लिए निर्यात हो रही आवश्यक सामग्री के वाहन को भी नेपाली नागरिक रोककर नेपाल में प्रवेश नहीं करने दिया। करीब 500 नेपाली नागरिकों ने नो मैंस लैंड पर पहुंचकर शोर-शराबा कर प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ करीब दो सौ भारतीय भी नेपाल जाने के लिए भारत- नेपाल सीमा से 200 मीटर पीछे बैठ कर नेपाल जाने का इंतजार कर रहे थे।
इस बात की सूचना मिलने पर रीगा विधायक मोतीलाल प्रसाद ने समाहर्ता सीतामढ़ी को फोन कर लोगों की समस्या के बारे में अवगत कराया। जिसे लेकर डीएम ने एसएसबी के कमांडेंट से बात कर समस्या को सुलझाने के लिए कहा है। मालूम हो कि नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण बागमती व लालबकेया नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण आई बाढ़ से इंडो-नेपाल के दशगजा में पानी भर गया है।जिससे आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
बॉर्डर कोरोना महामारी की वजह से शुरुआती लॉकडाउन से ही बंद है,जो अब तक सुचारू रूप से खुल नहीं पाया है। जब चारों तरफ सूखा था।तब भारतीय व नेपाली नागरिक पगडंडियों के रास्ते छुप-छुपाकर आवागमन करते थे। परंतु चारों तरफ बाढ़ के पानी फैलने से आमलोगों का आवागमन पूर्णत: बंद हो गया है।सीमा को सील कर देने की वजह से दोनों देश के नागरिकों को काफी परेशानी झेलना पड़ रहा है।