महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य ने जल्द अपना कार्यकाल समाप्त होने पर कि अपील, कॉलेज को हमेशा बढ़ाए आगे।

Patna Desk

 

कैमूर जिले के मोहनिया में स्थित महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार सिंह के द्वारा रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया। प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार सिंह ने कहा की बीते 40 वर्षों से महाराणा प्रताप महाविद्यालय में सेवा दे रहे थे अब 31 दिसंबर को मेरा कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। मैं सार्वजनिक तौर पर अपने हृदय तल से मोहनिया के उन तमाम महानुभावों को धन्यवाद आभार शुक्रिया ज्ञापित करना चाहता हूं जिन्होंने अपना बहुमूल्य योगदान देकर इस महाविद्यालय को संस्थापित किया तथा इतने लंबे समय तक मुझ पर भरोसा और विश्वास करके महाविद्यालय की जिम्मेदारियां सौंपी। यह महाविद्यालय मेरी कर्मभूमि है जिसे मैं अपना 40 वर्ष देकर सजाने संवारने का काम किया हूं और यह सच है कि इसके बदले में महाविद्यालय ने भी मुझे बहुत कुछ दिया है। विगत वर्षों में महाराणा प्रताप महाविद्यालय ने कई बार राजनैतिक, आर्थिक और अन्य षड्यंत्रों का सामना किया है परंतु कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

एक संस्था के रूप में बिल्डिंग शिक्षा और विशेष कर अनुशासन के लिए महाविद्यालय का नाम महाराणा प्रताप की अमरता की तरह आज तक अक्षुण रहा है। महाविद्यालय के प्रति मेरी चिंता स्वाभाविक है और मुझे आभास हो रहा है कि इस परीस्थिति का लाभ लेकर कई ऐसे लोग जिनका महाविद्यालय के प्रति कोई संवेदना नहीं है और संवेदना होने का कोई कारण भी नहीं है। किसी का बिना नाम लिए महाराणा प्रताप कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कुछ ऐसे राजनीतिक लोग हैं जो बहुत परेशानी खड़ा कर रहा है लेकिन सच्चाई का सामना करने से हम घबराते नहीं है। क्योंकि महाविद्यालय के लिए ऐसे लोगों का कभी कोई योगदान नहीं रहा है वैसे लोग इस अवसर का लाभ लेकर संस्था पर या तो राजनैतिक या व्यक्तिगत लाभ के लिए अवैध और अनाधारित कब्जा करने का षड्यंत्र कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि महाविद्यालय के कुछ एक दो लोग भी प्रलोभन से प्रेरित होकर उन षडयंत्रों में शामिल हो गए हैं लेकिन मुझे विश्वास है कि कभी न कभी उन लोगों को यह सदबुद्धि आएगी कि महाविद्यालय के हित में उन्होंने क्या गलती की है। आज तक कोई राजनैतिक और गैर सामाजिक दबावों को दरकिनार करते हुए लड़कर आगे बढ़ते रहना ही मेरी सफाई है। मुझे अनैतिक रूप से ब्लैकमेल करने की कोशिश में जो लोग नाकाम रहे और अपने राजनैतिक प्रभाव आदि का फायदा उठाकर मुझे कई तरह से परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्वजों के योगदान को महाविद्यालय कभी भूल नहीं सकता मैं आज उन लोगों को आह्वान करने के लिए आपके समक्ष हूं उन्होंने मोहनिया के आम आवाम से अपील करते हुए कहा कि मेरा निवेदन है कि मोहनिया की इस कृति को किसी भी षड्यंत्र का शिकार होने से मोहनिया के लोग बचाए।

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