भागलपुर: एक अजीबो गरीब घटना सामने आई है जहाँ एक मां अपने बेटे को कमरे में बंद कर दो दिनों के लिए पटना चली गई, जब दो दिनों बाद घर लौटी और कमरे को खोला तो उसके बेटे की मौत हो चुकी थी। 15 वर्षीय दिव्यांग आदित्य अपने व्हील चेयर पर ही दम तोड़ चुका था। ताजा मामला भागलपुर के सुर्खीकल मोहल्ले का है, जहां दिव्यांग आदित्य अपनी मां के सहारे अपने किराए के मकान में रहता था, आदित्य की मां अनिता मायागंज अस्पताल में स्टाफ नर्स है और पिता भी पूर्णिया में रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी करते हैं वह भी दिव्यांग है, मृत आदित्य कि माँ अपनी दूसरी बेटी को पटना से वापस भागलपुर लाने के लिए गई हुई थी, अब सवाल यह उठता है कि दिव्यांग जो व्हीलचेयर पर अपना नित्य क्रिया करता था उसे छोड़कर जाना क्या सही है? दिव्यांग खुद से जब कुछ खा नहीं पाता था तो उसे इस तरह छोड़कर दो दिनों तक घर से बाहर जाना कहां तक सही है ,क्या यह एक माँ की अमानवीयता नहीं है?