NEWSPR डेस्क। मोबाइल गेम के चक्कर में बच्चे अक्सर अपनी हदें भूल जाते हैं। वह इस गेम में इतना बिजी हो जाते कि उनको कुछ और नहीं दिखता। पर कभी कभी ये खेल इस हद तक घातक हो जाते कि सनसनीखेज वारदात भी करवा देता है। जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। जी हां ऐसा ही एक दिल-दहलाने वाला मामला सामने आया है। जहां मां ने बच्चे को PUBG खेलने से मना किया तो नाबालिग बेटे ने मां के सीने में 6 गोली दाग दी।
इतना ही नहीं मां के शव के साथ तीन दिनों तक घर में भी रहा। अपनी बहन को डरा धमकाकर शव के साथ रहने को मजबूर कर दिया। ये मामला जब सामने आया तो यूपी पुलिस के होश उड़ गए। लखनऊ के पीजीआइ इलाके के पंचमखेड़ा यमुना पुरम में एक 16 वर्षीय किशोर को मोबाइल पर बैटल ग्राउंड गेम (पुराना नाम पब्जी) खेलने की ऐसी लत लगी की उसने मां के मना करने पर गोली मार कर उनकी हत्या कर दी।
हत्या के बाद 10 साल की बहन को धमकाया। तीन दिन तक बहन के साथ घर के अंदर ही रहा। मंगलवार रात जब दुर्गंध बर्दाश्त नहीं हुई तो पिता को फोन कर घटना की जानकारी दी और कहा कि एक युवक ने मेरी मां की हत्या कर दी है। पुलिस जब सूचना पर पहुंची तो पूछताछ में घटना का पर्दाफाश हुआ।
एडीसीपी पूर्वी सैयद मोहम्मद कासिम आब्दी के मुताबिक किशोर क्षेत्र स्थित स्कूल से कक्षा 10 का छात्र है। उनके पिता नवीन सिंह सेना में जेसीओ (जूनियर कमीशन ऑफीसर) के पद पर तैनात हैं। इस समय उनकी पोस्टिंग आसनसोल में हैं। अक्षांश यहां अपनी मां 40 वर्षीय मां साधना और बहन के साथ रह रहा था। शनिवार रात उसने पिता की लाइसेंसी पिस्टल से सिर में गोली मार कर मां की हत्या कर दी।
घटना के समय बहन दूसरे कमरे में थी। गोली की आवाज सुनकर वह भागकर पहुंची तो बहन को धमकाने लगा। इतना ही नहीं तीन दिन तक उसने बहन को घर में धमका कर रखा। मंगलवार को जब शव की दुर्गंध ज्यादा तेज हो गई। किशोर से बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने अपने पिता को फोन कर सूचना दी।
जिसके बाद आनन फानन में पिता ने पुलिस और पड़ोसियों को सूचना दी। पुलिस पहुंची पड़ताल शुरू की गई। कमरे से पिस्टल भी बरामद कर ली गई है। एडीसीपी ने बताया कि पूछताछ में बच्चे ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की इसके बाद थाने लेकर जाकर उससे गहन पूछताछ हुई। वहीं, उसकी बहन से अलग पूछताछ की गई तो उसने सारी घटना बताई।
आरोपित बेटे ने बताया कि मैंने मां की शनिवार की देर रात में ही गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोली की आवाज सुनकर बहन उठ गई तो उसे भी डरा धमकाकर दूसरे कमरे में बंद कर दिया। मैंने मां का शव तीन दिनों तक कमरे में ही बंद रखा था। मुझे जब घबराहट होती थी तो मैं दोस्त को बुला लिया करता था और उसके साथ टाइम पास करता था। बीच-बीच में बहन को कमरे में बंद कर क्रिकेट भी खेलने जाया करता था। वहीं घर में दुर्गंध ज्यादा न हो इसके लिए कई बार रूम फ्रेशनर भी उाला करता था।