भागलपुर रेल विभाग यात्रियों को सुविधा देने के लिए अरवों रुपए खर्च करती है बार-बार डीआरएम का निरीक्षण होता है एसडीआरएम का निरीक्षण होता है एवं कई पदाधिकारी रेल विभाग को काफी विकसित और सौंदर्यकृत बनाने के लिए बैठक करते दिखते हैं लेकिन थोड़ी सी लापरवाही के चलते बड़ा दुर्घटना हो सकता है, हम यह कह सकते हैं कि रेल मंत्रालय के पदाधिकारियों की सोच पर ग्रहण लगता दिख रहा है, जी हां हम बात कर रहे हैं भागलपुर रेलवे स्टेशन की, जब रेलवे स्टेशन भागलपुर में मीडिया कर्मियों ने रेल के नियमों का उल्लंघन होते देखा तो उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने यात्रियों से सवाल पूछना शुरू कर दिया अब सवाल यह उठता है कि आखिर वह अनियमितता क्या देखी गई जिससे मीडिया कर्मी ने यात्रियों से सवाल पूछा?
जब भागलपुर स्टेशन पर सुपर ट्रेन लगी थी जो कोलकाता के लिए जाती है उसमें महिला विभाग विकलांग विभाग की बोगी बनी रहती है साथ ही सामान ले जाने के लिए भी अलग बोगी बनी रहती है लेकिन महिला विभाग में भी पुरुषों की भीड़ देखी गई विकलांग विभाग में भी महिला पुरुषों और आम लोगों की भीड़ देखी गई और जिस कंपार्टमेंट में सामान ले जाया जाता है उसमें भी खचाखच भीड़ देखी गई अब सवाल यह उठता है कि अगर किसी तरह की घटना हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, आरपीएफ और जीआरपी के पुलिस ने मीडिया कर्मियों को यात्रियों से सवाल पूछते देखा तो उन्होंने बोगी को खाली कराया। रेल विभाग की लापरवाही कहीं ना कहीं बड़े घटना को अंजाम दे सकती है।
वही भागलपुर स्टेशन पर मौजूद भागलपुर के उपमेयर डॉक्टर सलाउद्दीन अहसन से जब मीडिया कर्मियों ने बात की तो उनका साफ तौर पर कहना हुआ कि यह किसी भी हालत में सही नहीं है सब कंपार्टमेंट अलग-अलग है महिला में महिला को जाना चाहिए विकलांग में विकलांग को जाना चाहिए और सामान वाले बोगी में सामान ही रहनी चाहिए यहां पर रेलवे कर्मियों की उदासीनता साफ तौर पर दिख रही है ऐसा नहीं होना चाहिए वहीं दूसरी ओर यात्री भी काफी खफा दिखे उनका भी कहना हुआ अगर आप विकलांग हैं तो विकलांग बोगी में रहे यात्रियों के बोगी में सामान भी रख दिया जाता है महिलाओं में पुरुष भी चड जाते हैं या कहीं से सही नहीं है।