गाय को भारत में लोग माता का दर्जा दे उसकी पूजा करते हैं। परंतु मुंगेर मुख्यालय के पूरबसराय स्थित गौशाला में चारा के अभाव में भूख से तड़प-तड़प कर गायें मर रही है। बुधवार को पूरबसराय मैदान में एक गाय मर चुकी थी, जबकि एक कमरे में दूसरी गाय मरने के कगार पर थी, जिसकी ना तो कोई सुध लेने वाला है और ना ही उसे पानी या उसका इलाज कराने वाला वहां कोई मौजूद था। गौशाला के स्टाफ पप्पू यादव के अनुसार फिलहाल 5 गाय गौशाला में है। जबकि 5 गाय की मौत पिछले 10 दिन के अंदर हो चुकी है। पुलिस द्वारा पशु तस्करी के लिए जा रहे 46 गायों को पकड़ कर गौशाला में रखा गया था, लेकिन सभी गायों की मौत हो गई। चारा के अभाव में यहां गाय हर चार पांच दिन में मर जाती है।सचिव द्वारा सप्ताह में एक बोरा भूसा भेजा जाता है।
वही भूसा सभी पशुओं को देते हैं। यह स्थिति तब है जब गौशाला के बैंक एकाउंट में 18 लाख रुपया दुकान और स्कूल से आने वाले किराया की राशि जमा है, इसके अलावा गौशाला के विकास के लिए बिहार सरकार द्वारा भेजा गया 20 लाख रुपया जमा है। बावजूद चारा के अभाव में गायें मर रही है। लेकिन गौशाला की देखरेख करने वाले को इससे कोई मतलब नहीं है । गौशाला की देखरेख करने वाले प्रभारी सचिव संदलपुर निवासी रंजीत यादव कहते हैं कि गौशाला के पदेन अध्यक्ष सह एसडीओ और सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से ही बैंक से राशि की निकासी हो सकती है। लेकिन अध्यक्ष गौशाला के लिए बैंक से राशि निकासी में रूचि नहीं दिखाते हैं। प्रभारी सचिव ने बताया कि पूर्व में तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा दुकानदारों को बैंक खाता में किराया की राशि जमा करने का आदेश दिया गया था, उसके बाद से दुकानदार बैंक में ही राशि जमा कर रहे हैं। लेकिन कौन दुकानदार किराया जमा कर रहे हैं, इसकी सूची भी नहीं है। वहीं इस मामले में गौशाला के पदेन अध्यक्ष एसडीओ सदर ने बताया की गौशाला की सभी समस्या को ले केयर टेकर और प्रभारी सचिव से बात कर समाधान निकाला जाएगा ।