मुंगेर जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलो मीटर दूर टेटिया बंबर प्रखंड स्थित पहाड़ पे अवस्थित बाबा ऊंचेश्वरनाथ महादेव मंदिर देवघरा अपने पौराणिक कथा को ले काफी चर्चित है। शिव रात्रि में यहां होता हुआ भव्य मेले का उद्घाटन।लोग इसे महाभारत काल से जोड़ के देखते है ।
प्रचलित लोक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में पांडव अपने अज्ञातवास बिताए थे। यहां भीम ने बाबा महादेव की कठिन तपस्या की थी। इसके बाद महादेव ने भीम को गदा प्रदान किया और पांडवों ने ही इस मंदिर कि यहां स्थापना कि थी। साथ ही मंदिर के पास बना शिव गंगा लोगों का ध्यान अपनी और खींच लेता है।
एक हजार फीट की उंचाई पर पहाड़ पर अवस्थित बाबा ऊंचेश्वर नाथ महादेव मंदिर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। चारों तरफ पहाड़ी से घिरे और मंदिर के समीप का तालाब बरवश लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेता है। शिव रात्रि को ले यहां बहुत बड़ा मेला का भी किया जाता है आयोजन। जहां दूर दूर से हजारों श्रद्धालु पूजा अर्चना करने को आते है। बाबा ऊंचेश्वरनाथ महादेव मंदिर देवघरा को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किए जाने की असीम संभावनाएं हैं।