दो वक़्त की रोटी के इन्तेजाम करने के लिए किसान अपने अपने खेतो में कड़ी और काफी मशक्कत कर खेत मे लगे फसल को तैयार करते हैं। ताकि समय पर फसल तैयार हो और उस फसल को काट कर फसल को बाजार में उचित मूल्य में बेच कर दो वक़्त की रोटी का इन्तेजाम कर सके और साथ मे कर्जदारों का कर्ज भी उतर सके। लेकिन इस बार किसानों की उम्मीदों पर लगातार हो रहे बारिश ने पानी फेर दिया। और किसानों की रोटी मुह से छीन ली। साथ में कर्ज के बोझ तले भी दबा गया है।
यह मामला है मूँगेर जिला मुख्यालय से लगभग 50 से 60 किलोमीटर दूर तारापुर प्रखण्ड के खैरा पंचायत के भगलपुरा गौव के किसान का। वो अपने 5 बिघा खेतो में मूंग की फसल को लगाया था। लेकिन मुंगेर में कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण खेतो में बारिश का पानी घुस गया। इससे खेत मे मूंग की फसल बर्बाद हो गया है। मूंग के सारे फ़सल नष्ट हो गये हैं। किसान की माने तो 5 बिघा में लगे मूंग फसल बारिश के कारण फसल खराब हो गया है। इस खेत से 5 किलो भी फसल नहीं काट सके। अगर बारिश नही होती तो फ़सल तैयार हो जाता और उस फसल को काट कर बाजार में उचित मुल्य पर बेच कर अपना दो वक़्त की रोटी का इन्तेजाम कर ली और साथ मे कर्जदारों का कर्ज भी चुका लेते । मगर ऐसा नहीं हुआ । बारिश के कारण हम सड़क पर आ गए हैं। हमे देखने वाला कोई नहीं है। हमलोग की हालत बत से बत्तर हो गया है।
पास खड़े दूसरे किसान ने भी अपना दुखड़ा बताया कि हमने अपने खेत मे मूंग और मक्का का फसल लगाया था। लेकिन मूँगेर में हो रहे कुछ दिनों के बारिश के कारण दोनों फसलों को बर्बाद कर दिया है। और इस बर्बादी के कारण हम अपने दो वक़्त की रोजी रोटी के जुगाड़ में लगे हुए हैं। अब कर्जदार हो गए हैं। और इस बोझ के निचे दब गए । न तो सरकार के तरफ से कोई देखने आया और न तो मुखिया एवं अधिकारी लोग सुद लेने तक नही आए हैं। कोई आसा की किरण भी नही दिख रहा है। इस गौव के सभी किसानों को हाल बुरा हुवा है।