NEWSPR डेस्क।
योजना का काम पूरा पर नहीं पहुंचा पानी : मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में एक मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना पार्ट 1 के अंतर्गत हर घर जल का नल योजना मुंगेर जिले में दम तोड़ती नजर आ रही। यहां तक की जल मीनार में सिलावट तक लगाना संवेदक के द्वारा मुनासिब नहीं समझा गया. जिससे लोगों को यह पता चल सके कि कितने का योजना है. जिले के लगभग सभी प्रखंडों में हर- घर- नल का जल योजना लूट का अड्डा बन गया है। चाहे मुखिया जी के द्वारा कार्य कराया गया हो या लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा कार्य कराया गया हो।ठेकेदार जैसे तैसे नल बिछाकर, काम को पेपर पर पूरा दिखा कर संवेदक और अधिकारी की मिलीभगत से पैसे की निकासी कर लिया गया. लेकिन धरातल पर पानी की एक बूंद भी नहीं गिरता।यानि हम कह सकते हैं लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर लोगों की हलक प्यासे रह गए।
7 हजार घरों में बिछाया गया पाइप : बात मुंगेर सदर प्रखंड की करते हैं। सदर प्रखंड अंतर्गत टीका रामपुर पंचायत के वार्ड नंबर 2, 3, 4, 5 में पीएचईडी द्वारा हर घर नल का जल योजना अंतर्गत लगभग 7 हजार घरों में पाइप बिछाकर पानी देने का कार्य पूरा हुआ।लेकिन एक वर्ष बाद भी सभी के यहां पानी नही आता। स्थानीय लोगों की मानें तो पीएचईडी के द्वारा कार्य करवाया जा रहा था जिसके ठेकेदार दिवाकर यादव थे। उन्होंने पंचायत के एक किनारे अलग छोड़ पर टंकी बिठाया ,जहां उनके अधिक रिश्तेदार थे। पानी की टंकी से जैसे ही सप्लाई की जाती है पाइप से आसपास के इलाके में ही पानी निकल कर खत्म हो जाता है। आगे पानी का प्रेशर नहीं बढ़ पाता।जिससे दूसरी छोर पर पानी नहीं पहुंच रहा।
सिर्फ 450 घरों में पहुंचता है नल का जल : ग्रामीण सीता देवी ने कहा कि अगर बीच में पानी का जलमीनार स्थापित होता तो सभी नलों में पानी आ पाता। लेकिन ठेकेदार ने कार्य में लापरवाही बरती है अपने रिश्तेदारों को ही पानी दिया है। ग्रामीण सुनील राय ने कहा कि इस पंचायत की आबादी 7000 है लेकिन मात्र यहां लगभग 400 घरों में ही नल का जल पहुंच पाता है। बाकी जल रास्ते में ही दम तोड़ देता है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवाकर यादव ने कार्य में लापरवाही बरती है। लाखों रुपए की निकासी कर ली गई लेकिन हम लोगों के घर पानी की एक बूंद तक नहीं आया।
गंदा पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण : ग्रामीण सीता देवी ने कहा कि नल का जल योजना से जल नहीं मिलता ।जिसके कारण हम लोग अभी भी गंगा जी का पानी ही पीते हैं ।उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय में गंगा का पानी खराब हो जाता है। लेकिन मजबूरी में हम लोग पानी पीने को मजबूर हैं।इससे हमेशा लोग बीमार पड़ते हैं। सब कुछ जानते हुए भी हम लोग गंगा का पानी पीने को मजबूर है।
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता बोले : इस संबंध में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि इस मेले की जांच किया जा रही है । जल्द ही सभी त्रुटियों को दूर कर ग्रामीणों के घरों तक पानी पहुंचाया जाएगा।