NEWSPR डेस्क। मुंगेर सदर अस्पताल परिसर स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के सेकेंड फ्लोर पर स्थित एसीएमओ कार्यालय के कर्मी आज डर के साये में काम करने को मजबूर हैं। कार्यालय की हालत पूरी तरह जर्जर अवस्था में है। हर जगह छत से प्लास्टर के बड़े बड़े टुकड़े गिरते रहते हैं, जिससे कई बार तो कर्मी घायल होने से बचे।
कार्यालय में काम कर रही प्रधान लिपिक साधना देवी ने बताया कि कार्यालय का छत से प्लास्टर का बड़ा बड़ा टुकड़ा टूट टूट कर हमेशा गिरता रहता है। कई बार रिपेयरिंग भी करवाया गया पर ठीक नही हुआ। लिपिक ने बताया कि कई बार तो उसके सर पे पास ही प्लास्टर का बड़ा टुकड़ा गिरा और वो घायल होते होते बची।
सिविल सर्जन कार्यालय के बने 12 साल भी नहीं हुए और इस भवन की ये दशा से साथ पता चलता है कि भवन के निर्माण में अनिमियता बरती गई है। एसीएमओ कार्यालय के प्रत्येक रूम के अलावा बरामदा और बाथरूम के छत का प्लास्टर टूट टूट के गिर रहा है। इतना ही नहीं दीवारों में से भी कई जगह करके और प्लास्टर झड़ चुकने के कारण कार्यालय की काफी जर्जर सा दिखता है। लिपिक मुकेश कुमार ने बताया कि कार्यालय के छत पे पानी निकासी की व्यवस्था नही रहने के कारण। पूरा छत डेमेज हो चुका है और यही कारण है कि यहां काम करने वाले कर्मी डर के साये में काम करने को मजबूर है।
वहीं इस मामले में जब सीएस हरेंद्र कुमार आलोक से पूछा गया तो उन्होंने ने बताया कि भवन की स्थिति सही में दयनीय हो गई है। पर अब इस भवन को टूटने का आदेश हो गया है। इस कारण इसमें कुछ नही करवाया जा रहा है। पर सवाल उठता है कि क्या तब तक कर्मियों इस तरह ही डर के साये में काम करने के लिये छोड़ दिया जाय।
मुंगेर से मो. इम्तियाज की रिपोर्ट