NEWSPR डेस्क। तारापुर मुंगेर का एक अनुमंडल है। यह कस्बानुमा शहर तारापुर 15 फरवरी 1932 को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा हुए भीषण नरसंहार के लिये प्रसिद्ध है। आजादी के दीवाने 34 वीरों ने तारापुर थाना भवन पर तिरंगा फहाराने के संकल्प को पूरा करने के लिए सीने पर गोलियां खायी थीं और वीरगति को प्राप्त हुए थे। जिनमें से मात्र 13 शवों की हीं पहचान हो पाई थी।
जिसको लेकर आज तारापुर शाहिद दिवस के मौके पर आज शहीदों की याद में बने शाहिद स्मारक पार्क सहित शाहिद स्मारक पे लगे आदम कद प्रतिमा का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से क्या लोकार्पण इस मौके पे वर्चुअल माध्यम से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मंत्री अशोक चौधरी के साथ उप मुख्य मंत्री तार किशोर प्रसाद मौजूद थे।
वहीं सभा स्थल पे मंत्री सम्राट चौधरी, तारापुर विधायक डीआईजी, डीएम और एसपी के अलावा कई नेता और गणमान्य लोग मौजुद थे। इस मौके पर सीएम ने अपने भाषण में शहीदों की याद में उनके कुर्बानियों को गिनाया तो वहीं तारापुर थाना भवन पे गोली कांड में मारे गए शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने भाषण के दौरान दो बड़ा घोषणा भी कर डाली। एक तो 15 फरवरी को होने वाले तारापुर शाहिद दिवस को राजकीय समारोह का दर्जा देते हुए प्रत्येक साल राजकीय समारोह के रूप में मानने की बात कही।
दूसरा कहा की बिहार में अन्य किसी भी जगह एक साथ शाहिद नहीं हुए हैं। एसे में तारापुर में शहीद हुए वीरों की गाथा आने वाली पीढ़ी भी जाने इसके लिए शिक्षा विभाग से बात कर अन्य वीर गाथाओं की तरह पाठयक्रम में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मौके पर अन्य वक्ताओं ने भी तारापुर में शहीद वीरों की विरता को याद करते हुए अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। वहीं मौके पर उपस्थित लोगों ने बिहार सरकार के द्वारा शहीदों के प्रति और आज जन मानस की भावना का जो सम्मान किया गया वो काफी सरहनीय पहल है। आज से पहले किसी ने भीं तारापुर के शाहिद स्पूतों के बारे में चर्चा तक नही किया। मुख्यमंत्री ने अपने पहल से जो कार्य करवाया तो जा कर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि मिल पाई।
मुंगेर से मो. इम्तियाज की रिपोर्ट