औरंगाबाद शहर के नगर भवन में मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाईट योजना के तहत जिले के सभी 204 पंचायतों के मुखिया का उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन सोमवार को आयोजित किया गया था।आयोजन अभी चल ही रहा था कि सभी मुखिया ने सरकार के अड़ियल रवैये को देखते हुए आयोजन का बहिष्कार कर दिया और योजना को लेकर सरकार के नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और नगर भवन छोड़कर चले गए।इसके पश्चात मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष सुजीत कुमार सिंह की अध्यक्षता में महाराजगंज स्थित एक निजी होटल में बैठक की।
बैठक में शामिल मुखिया ने बताया कि आज जिले के प्रत्येक जन में नाली गली की समस्या है और इसी को लेकर प्रतिदिन हिंसक झड़पें होती है और ग्रामीण केस मुकदमे में फंस जा रहे है।मगर इस समस्या के निदान की बात छोड़कर सरकार स्ट्रीट लाईट लगाने का दबाव बना रही है।लेकिन स्ट्रीट लाईट लगाने का काम सरकार ने अपने से तय कर लिया जिसको यज्ञ के मुखिया जानते तक नहीं है।उसके कार्य की गुणवता अगर खराब होगी तो मुखिया पर प्राथमिकी होगी।ऐसी स्थिति में स्ट्रीट लाईट का कार्य असंभव है।
सरकार जबरदस्ती कार्य थोपने का काम कर रही है जो किसी भी कीमत की संभव नही है।मुखिया संघ के सदस्यों ने कहा कि पूर्व में भी बाहर के एजेंसी के द्वारा पंचायतों में नल जल के काम हुए और कार्य की गुणवत्ता को लेकर मुखियाओं पर प्राथमिकी हुई।सरकार की भी यही मंशा है।कमीशन मंत्री खाए और मुखिया जेल जाए यह नहीं चलेगा।