औरंगाबाद : सदर अस्पताल में गंभीर बीमारी से पटना जिले के मोकामा बख्तियारपुर निवासी बैकुंठ साव की मौत हो गई। पत्नी रीता देवी के पास पति के अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे। तभी एक मुस्लिम शख्स सल्लू खान ने मदद की। इनकी चर्चा हर तरफ हो रही है। सल्लू ने अपने निजी पैसे दिए और कहा कि जाइए अपने पति का अंतिम संस्कार किजीए। महिला ने बताया कि पति के इलाज से जब कोई फायदा नहीं हुआ तो वह अपने पति को लेकर रफीगंज सिहुली दरगाह पर पिछले कुछ दिनों से इलाज करा रही थी लेकिन अब पति की मौत हो गई। उसे चिंता सता रही थी कि अब उनका अंतिम संस्कार कैसे होगा क्योंकि उसका कोई बेटा नहीं है। एक बेटी है जो दिल्ली में रहती है। कहा कि जितने पैसे थे सब पति के इलाज में खर्च हो गए। उसने गहने तक बेच दिए थे।
उधर महिला की स्थिति की जानकारी जैसे ही समाजसेवी और हिंदू-मुस्लिम एकता को बनाए रखने के प्रति निस्वार्थ भाव से समर्पित शहर के पठान टोली निवासी शाहनवाज रहमान उर्फ सल्लू खान को लगी तो वे मदद के लिए पहुंच गए। वह सदर अस्पताल पहुंचे। महिला से मदद के बारे में पूछा। महिला ने बताया कि उनके पति की इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार गया के विष्णुपद में कराया जाए, लेकिन वह सामर्थ्य नहीं है। सल्लू खान ने महिला को सांत्वना देकर विष्णुपद शमशान घाट प्रबंध समिति से बात की और उनसे अंतिम संस्कार कराने का आग्रह किया। हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार के लिए जो खर्च लगने थे। उसका सल्लू ने आनलाइन पेमेंट कर दिया। बाईट सल्लू खान समाजसेवी