मोतिहारी में जीवन रक्षक दवा के लिए अस्पताल में मरीज दिनभर भटकते नजर आते है।वही अस्पताल में दवा नही मिलने पर गरीब मरीज कर्ज लेकर प्राइवेट से दवा खरीदने को मजबूर होते है।वही दूसरी तरफ दवा जलाने व शौचालय की टंकी,कूड़ादान में फेकने में मोतिहारी जिला स्वस्थ्य विभाग को महारत हासिल है।अबतक एक वर्ष में आधा दर्जन पीएचसी में लाखो की जीवन रक्षक दवा शौचालय की टंकी,अस्पताल के पीछे फुलवारी में,अस्पताल के सामने जलाने के मामलों को कुछ चढ़वा लेकर जांच व करवाई की फाइल दबाने में सीएस कार्यालय को महारत हासिल है। स्वास्थ्य महकमा आए दिन मरीजो को दिया जाने वाले दवा को कही जला देता है तो कही कूड़ेदान में फेंक दिया जाता है।पताही पीएचसी,कोटवा पीएचसी,फेनहारा व तुरकौलिया पीएचसी में फेंके गए दवा की तस्वीर हमने आपको पूर्व में दिखाया था आज फिर से एक ऐसी ही तस्वीर मोतिहारी से सामने आई है।जहा लाखो का जीवन रक्षक दवा मरीजो को नही देकर मेहसी पीएचसी के कूड़ादान में फेंका हुआ है।फेंकी गई दवा की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।सोशल मीडिया पर लोग यह कहते नही थक रहे अस्पताल में दिखाने गए मरीज दवा के लिए भटकते रहते है ।अस्पताल प्रबंधन दवा नही होने की बात कहकर लौटा देती है ।गरीब मरीज कर्ज लेकर प्राइवेट से दवा खरीदते है ।वही दवा मरीज को नही देकर कूड़ादान में फेंक दिया जाता है ।वाह रे स्वास्थ्य व्यवस्था।
मोतिहारी के मेहसी पीएचसी में जरूरतमंदों को दवा देने के बजाए कई जीवन रक्षक दवा को कचरा में फेंक दिया गया है। मेहसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कैम्पस में फेंकी गई दवा में कई दवा ऐसी भी है जिसका एक्सपायरी दिसंबर माह में होना है यानी कि एक्सपायरी के पहले ही दवा को कूड़ेदान में फेंक दिया गया है।पूरे मामले में हमेशा की तरह इस बार भी मोतिहारी के सिविलसर्जन ने जाँच रिपोर्ट तलब किया है। पर जाँच रिपोर्ट के नाम पर पूर्व के मामले को जिस कदर ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया है कही इस जाँच का भी ऐसा ही हश्र ना हो। जरूरत इस बात की गरीब मरीजो के लिए सरकार द्वारा भेजी गई दवा को कूड़ेदान में फेकने वालो पर शख्त कारवाई हो ताकि दवा को फेंकने से पहले ऐसा कर्मी सौ बार सोचना परे।