NEWSPR डेस्क। सूबे के सुशासन के मुखिया नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना में से एक सबसे महत्वकांसी योजना यानी नल जल योजना अब जन धन योजना का रूप ले रही है । भले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना के द्वारा ये स्वप्न देखा होगा कि बिहार के एक-एक घर में नल का जल होगा। लोग स्वच्छ पानी पियेंगे और स्वस्थ्य रहेंगे। लेकिन ये सोच अब पूरी होती नहीं दिख रही है। नीतीश कुमार की ये योजना अधिकारियों व जनप्रतिनिधियो के लिए धन -धान्य योजना बन गयी है ।
जी हां ये वही नल जल योजना है जिसे नीतीश कुमार के सात स्वप्न के रूप में देखा था लेकिन आज ये योजना धराशाही हो चुका है । अधिकारियों व जनप्रतिनिधियो के लिए कामधेनु साबित हुए इस योजना से भले ही ग्रामीण इलाकों के लोगो को नल का जल नही मिला हो लेकिन उनके अधिकारियों व जनप्रतिनिधियो को रेवड़ी खाने का मौका जरूर मिल गया है । खबर मोतिहारी के सुगौली प्रखंड के बंगरा वार्ड नंबर 6 की है जहां की लगभग 750 लोगो के आबादी को शुद्ध जल मुहैया कराने के उद्देश्य से 10 लाख 60 हज़ार रुपये की लागत से दस हज़ार क्षमता का जलमीनार बनाया गया। इसे यहां के जनप्रतिनिधियो व अधिकारियों ने लगवाया था लेकिन ये जलमीनार टंकी सहित धराशाही होकर जमीन पर औंधे मुंह गिरा गया है और अपनी बेवसी पर आँशु बहा रहा है । योजना में हुए भ्रस्टाचार की पोल खोलती ये खबर सुगौली की है जहां इससे पहले भी कई जलमीनार धराशाही हो चुके हैं ।