मोतिहारी में स्वास्थ्य विभाग रात को जला रहे लाखों की दवा, मुख्यमंत्री के आने से पहले तैयारी की जगह पताही पीएचसी में दवा जलाने का वीडियो वायरल

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। मोतिहारी में सीएम नीतीश कुमार की आगामी 22 दिसम्बर को आगमन को लेकर स्वास्थ्य विभाग अपनी नाकामी छुपाने में जुटा है। स्वास्थ्य विभाग सरकार द्वारा जरूरत मंदों को देने वाली दवा मरीजों को नहीं देकर जलाकर नष्ट करने में जुटा है।सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

यह वाइरल वीडियो में पताही सीएचसी में दवा जलाने की बात कही जा रही है। वायरल वीडियो रविवार देर रात्रि की बतायी जा रही। वहीं वीडियो वायरल होने के बाद लोग यह सवाल कर रहे है कि आखिर आमलोग दवा के लिए भटकते रहते हैं, स्वास्थ्य कर्मी मरीजों को दवा नही देकर जलाकर नष्ट कर रहे हैं।

बता दें कि 8 दिसम्बर को भी पताही सीएचसी के चापाकल के पास लाखों की दवा जलाने का वीडियो वायरल हुआ था। सीएम द्वारा जांच टीम का गठन किया गया लेकिन जांच अभी पूरा भी नहीं हुआ कि उसी अस्पताल का दवा जलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस संबंध में पूर्वी चम्पारण के सिविल सर्जन बताया कि इसकी कि जाँच किया जाएगा। 8 दिसम्बर को जो दवा जला था उसके बारे में बताया कि अभी जांच रिपोर्ट नही मिला है।

अस्पताल प्रबंधन के लापरवाही से मरीजों को मिलने वाला दवा मोतिहारी जिला में कही शौचालय की टंकी में मिलता है तो कही अस्पताल के कूड़ादान में मिलता है। मामला संज्ञान में आने के बाद जांच टीम बनायी जाती लेकिन जांच की फाइल कार्यालय में धूल चाटती रह जाती है। ताजा मामला पताही पीएचसी का है। जहां पीएचसी ले पास कूड़ादान में लाखों के दवा फेकने व जलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ।लेकिन पीएचसी प्रभारी ने इसकी जनकारी से इंकार किया गया।

वही सीएस ने टीम बनाकर जांच कराने व दोषी पर करवाई करने की बात कही गई। सूत्रों की मानें तो लगभग एक वर्ष पूर्व भी पताही पीएचसी के पास लाखों की दवा फेकने मामला प्रकाश में आया था ।एसडीओ के निर्देश पर सीएस द्वारा मामले की जांच करायी गई लेकिन आजतक जांच फाइल धूल चाट रहा है।

पताही पीएचसी परिसर में लाखों की एक्सपायरी दवा कूडे में फेंकी मिली,पताही प्रखंड मुख्यालय के पीएचसी के नए भवन के पीछे पेड़ के पास लाखों रुपए की एक्सपायरी दावा को  फेंकी हुई पाई गई है। वही  कुछ दवाओं को जलाया भी गया है। कचरे के ढेर में फेंकी गई दवा में दर्द की दवा, कैल्शियम, इंजेक्शन समेत आदि दवाएं शामिल है। हालांकि वह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उक्त दवा किस परिस्थिति में एक्सपायर हुई है।

हालांकि एक्सपायरी दवाएं की जानकारी विभाग को दी जाती है। इसके बाद विभाग के निर्देशानुसार विनष्ट किया जाता है। सबसे आश्चर्यजनक यह कि इस दवा के बारे में अस्पताल कर्मी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। एक तरफ गरीब मरीज दवा के लिए भटक रहे हैं। वही दूसरी तरफ सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई दवा अस्पताल कर्मियों की लापरवाही के कारण एक्सपायर कर गईं। इस संबंध में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मोहनलाल प्रसाद पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी नहीं है। पता कर जांच की जाएगी।वही अस्पताल में मरीज दिखने के बाद अस्पताल से दवा नही मिलता है।

मोतिहारी में कुछ माह पहले तुरकौलिया पीएचसी में शौचालय की टंकी में लाखो की दवा फेक दिया गया था ।कोटवा पीएचसी में भी इसी तरह लाखो का दवा अस्पताल के बाहर फेकने का मामला संज्ञान में आया था ।वही एक वर्ष पूर्व भी पताही पीएचसी परिसर में जीवन रक्षक दवा फेकने का मामला संज्ञान में आया था ।मामला संज्ञान में आने के बाद सीएस कार्यालय द्वारा जांच टीम का गठन किया गया था ।लेकिन आजतक किसी के विरुद्ध कोई करवाई नही किया गया ।इस संबंध में मोतिहारी सीएस अंजनी कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। जांच टीम का गठन कर जांच कराया जा रहा। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर कड़ी करवाई की जाएगी।

मोतिहारी से घर्मेंद्र की रिपोर्ट

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