धनंजय कुमार
गोपालगंजः बिहार के सीएम नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का जल में हुई धांधली को लेकर भोरे प्रखंड की रकबा पंचायत के ग्रामीणों का गुस्सा बुधवार को फूट पड़ा. गुस्साए ग्रामीणों ने न सिर्फ सड़क जाम कर हंगामा किया, बल्कि नाराज ग्रामीणों ने पंचायत के मुखिया उमेश बैठा, वार्ड सदस्य अमरीका राम और सचिव प्रमोद मांझी को चार घंटे तक मुखिया और वार्ड सदस्य को बंधक बनाए रखा। इस दौरान ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों के बीच नोक झोंक भी हुई।
गोपालगंज में नल जल योजना के पानी नहीं मिलने से नाराज रकबा पंचायत के वार्ड नंबर 10 रामपुर गांव के ग्रामीण सड़क पर उतर कर लामीचौर – भोरे मुख्य पथ को जाम कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि 2016 में नल जल योजना को लेकर वार्ड सदस्य और मुखिया ने मिलकर इस योजना की शुरुआत की थी. लेकिन चार साल बीत गये, अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हु। जबकि इस योजना के कार्य के दौरान पाइप को सड़क के किनारे होते हुए, गांव के अंतिम छोर तक बिछाया गया था। आज हालात ये है कि सड़क के ऊपर ही पाइप छोड़ दिए जाने के कारण पाइप कई जगह से टूट चुके हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि शुरुआती दौर में तत्कालीन बीडीओ सोनू कुमार के कार्यकाल में इस योजना में कार्य शुरू किया गया था. उनके बाद आए बीडीओ पन्नालाल का भी तबादला हो गया, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते अभी तक कार्य अधूरा है।
चार साल में भी नहीं टपका नल जल का पानी
ग्रामीणों के प्रदर्शन के दौरान इस योजना को लेकर एक तथ्य यह भी सामने आया है कि. 12 लाख 60 हजार रुपए की इस योजना में अब तक वार्ड के सचिव प्रमोद कुमार के मुताबिक 9 लाख की निकासी कर ली गई है।
जय माँ भवानी इंटरप्राइजेज को मिला था काम
बोरिंग और सड़क के एक हिस्से में पाइप डालने के बाद ठेकेदार से मुखिया और पंचायत सचिव के बीच रस्साकसी शुरु हो गई और ठेकेदार ने काम छोड़ दिया। उसके बाद इस कार्य को मुखिया उमेश बैठा के द्वारा अपने हाथ में लेकर धरातल पर किया जाने लगा,आज इस कार्य को अधूरा छोड़कर मुखिया ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया है। इससे तो एक बात साफ है कि सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना की राशि का बंदरबांट हो चुका है, बरहाल अब यह देखना है कि ग्रामीणों को आखिर पानी कब तक मिलता है।