नई दिल्ली। रुपे कार्ड या भीम-यूपीआइ से भुगतान करने पर ग्राहकों से चार्ज वसूलने को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नाराजगी जाहिर की है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का कहना है कि सरकार के निर्देश के बाद भी बैंक डिजिटल भुगतान करने पर ग्राहकों से पैसे ले रही है। जो पूरी तरह से गलत है। सीबीडीटी का कहना है कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था में नकदी कम करने के उद्देश्य के साथ पिछले साल सरकार ने इस संबंध में निर्देश जारी किए थे। ऐसे में यूपीआई से किए गए भुगतान में जितने पैसे ग्राहकों से लिए गए हैं, उसे वापस करे। निर्देश में बैकों को एक जनवरी 2020 के बाद से लिए गए चार्ज लौटाने को कहा गया है।
सर्कुलर का पालन करने के निर्देश
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से लेनदेन में शुल्क लेने या नहीं लेने से संबंधित आयकर कानून की धारा 269-एसयू के संबंध बैंकों को सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बैंक इन माध्यमों से होने वाले लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लेंगे। डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने फाइनेंस एक्ट, 2019 में धारा 269-एसयू के रूप में नया प्रावधान जोड़ा है। इसके तहत पिछले साल में 50 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा का कारोबार करने वालों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वे तय इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान स्वीकार करें। इसमें तय इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के विकल्पों के तौर पर रुपे डेबिट कार्ड, यूपीआइ (भीम-यूपीआइ) और यूपीआइ क्यूआर कोड को चिन्हित किया गया है।