पटना डेस्क
पटनाः कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए यूपी, उत्ताखंड और हरियाणा सरकार ने इस साल कांवड़ यात्रा नहीं निकालने का फैसला लिया है। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये हुई इस चर्चा में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इस बारे में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने व्यापक जनहित को देखते हुए इस वर्ष कांवड़ यात्रा स्थगित रखने पर सहमती जताई है। तीनों प्रदेशों के धर्मगुरुओं और कांवड़ संघों ने भी अपनी सरकारों को यात्रा स्थगित करने का प्रस्ताव दिया था।
हर साल श्रावण में उत्तराखंड में होने वाली कांवड़ यात्रा में लाखों शिवभक्त शामिल होते हैं। यात्रा के दौरान बड़े पैमाने पर सरकारी अमले को कानून-व्यवस्था, यातायात व अन्य इंतजामों में लगाना पड़ता है। कांवड़ियों की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आती है। इसके चलते तीनों राज्यों ने इस बारे में चर्चा करने का फैसला किया था। बैठक के दौरान तीनों राज्यों के अधिकारियों ने कांवड़ियों की भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग को असंभव बताते हुए संक्रमण फैलने की आशंका जताई थी।
बिहार-झारखंड सरकार भी ले सकती है ऐसा ही फैसला
श्रावण माह के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु देवघर स्थित बैजनाथ धाम जाते हैं। जिसके लिए बिहार के भागलपुर से कांवरिये जल लेकर सौ किमी तक पैदल यात्रा करते हैं। इस दौरान बिहार और झारखंड सरकार द्वारा सारी व्यवस्था की जाती है। माना जा रहा है कि दोनों राज्यों की सरकारें कोरोना महामारी को देखते हुए कांवड़ यात्रा पर रोक लगा सकती है।