NEWSPR DESK- अभी तक फ्लाइट के माध्यम से तो उत्तर प्रदेश के आम (Mango) विदेश में जाते रहे हैं, लेकिन पहली बार सागर के रास्ते चौसा, लंगड़ा और दशहरी जैसे आम यूके, अमेरिका, जापान और रूस जैसे देशों में जाएंगे.केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा ने ‘मेटवॉश’ नाम की एक टेक्नोलॉजी बना ली है, जो दुनिया में किसी ने नहीं बनाई है. इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से आम को अच्छे से धोया जाता है. फिर सुखाया जाता है. अंत में आम को कंटेनर में रखकर उसे सागर के रास्ते भेज दिया जाता है.
फिलहाल इसी टेक्नोलॉजी के जरिए यूपी के चौसा आम को यूरोप, जापान और रूस भेजा जा रहा है. विदेशी मार्केट में यह आम एक किलो लगभग 800 रुपए से ज्यादा में बिकते हैं, जिससे यूपी, मलिहाबाद और लखनऊ तक के किसानों को 120 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा. यह पूरी जानकारी दी केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ. टी दामोदरन ने दी. उनका कहना है कि भविष्य में 500 टन आम एक्सपोर्ट होगा सागर के माध्यम से जिसके जरिए उत्तर प्रदेश को 2.5 मिलियन यूएस डॉलर का मुनाफा होगा और उत्तर प्रदेश के किसानों को 200 रुपए से भी ज्यादा का मुनाफा होने जा रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश के किसान अब मालामाल हो जाएंगे.