राजस्थान की पुलिस पहुंची भागलपुर ,घंटों की छापेमारी ,खाली हाथ लौटी पुलिस।

Patna Desk

 

भागलपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित चुनिहारी टोला पहुंची राजस्थान की पुलिस ने लक्ष्मी रेसीडेंसी में रहने वाले रामप्रसाद साह के यहां छापा मारा। जिस समय रामप्रसाद साह घर पहुंची वह घर में ही मौजूद था। जिसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की। लगभग पांच घंटे तक चली पूछताछ में आखिरकार पुलिस खाली हाथ ही राजस्थान लौट गई।

जानकारी के मुताबिक स्कूटर एग मार्क ग्रेड1 कंपनी ने रामप्रसाद साह पर लाखों रुपए गबन करने का आरोप लगाते हुए वर्ष 2019 में अरावली विहार थाने में मामला दर्ज कराया था। जो राजस्थान के अलवर में है। बताया जा रहा है कि रामप्रसाद साह पटना सिटी में रानी सती ऑयल मिल के नाम से अपनी एजेंसी चला रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कंपनी से लगभग 35 लाख रुपए का माल मंगाया और पटना सिटी से अपनी दुकान बंद कर फरार हो गए। जिसके बाद स्कूटर एग मार्ग ग्रेड वन कंपनी ने राम प्रसाद साह के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया। मामले में राजस्थान पुलिस इसके पूर्व भी दो बार इनके निवास स्थान पर गिरफ्तारी के लिए आ चुकी है। लेकिन खाली हाथ वापस लौटी। जबकि इस बार राजस्थान से आई पुलिस की 2 सदस्य टीम जिसमें एक दरोगा ईश्वर कुमार और एक आरक्षी धर्मेंद्र सिंह शामिल थे। पुलिस के अचानक पहुंचने से रामप्रसाद शाह भागने की कोशिश करने लगे। लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। हालांकि पूछताछ में रामप्रसाद साह ने बताया कि वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट देखकर उसे छोड़ दिया। हालांकि पुलिस ने रामप्रसाद साह की कोई मेडिकल चेकअप नहीं कराई। इससे भी यह मामला संदिग्ध हो गया है। वही राजस्थान पुलिस के साथ स्कूटर कंपनी के प्रतिनिधियों ने राजस्थान पुलिस पर संदेह व्यक्त करते हुए पूरे मामले में लीपापोती करने का आरोप लगाया है। कंपनी के प्रतिनिधि लक्ष्मीनारायण ने बताया कि राजस्थान पुलिस आरोपी के कमरे में 5 घंटे रही। हम सभी लोगों को बाहर निकाल दिया गया। उसके बाद जब पुलिस बाहर निकली तो वह खाली हाथ थी। कंपनी के प्रतिनिधि ने राजस्थान पुलिस पर पैसे लेकर मामले को रफा दफा किए जाने का आरोप लगाया है।

वही आरोपी राम प्रसाद साह की गिरफ्तारी नहीं करने को लेकर राजस्थान पुलिस के दरोगा ईश्वर कुमार ने बताया कि कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट निर्गत किया गया है। लेकिन जब आरोपी राम प्रसाद साह के यहां पहुंचा तो उसे बीमार पाया इसलिए उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई।

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