राधा अष्टमी 2022: जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने दी शुभकामनाएं, जानिए इससे जुड़ी कुछ बातें

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। भाद्रपद का महीना शुरू होने से व्रत और त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। इस साल ये त्योहार 04 सितंबर को मनाया जाएगा। बता दें कि राधा अष्टमी का त्योहार कृष्ण जन्माष्टमी के पंद्रह दिन के बाद आता है। इसे लेकर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने शुभकामनाएं दी है। कृष्ण जन्माष्टमी के बाद उनकी प्रियसी श्री राधा का जन्म उत्सव मनाया जाता है।

शास्त्रों में राधा अष्टमी का वर्णन विस्तार से मिलता है। कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से राधा रानी की कृपा को प्राप्त किया जा सकता है। मान्यता है कि राधा अष्टमी का व्रत किए बिना जन्माष्टमी व्रत फल प्राप्त नहीं होता है। इसलिए इस दिन हर व्यक्ति को व्रत रखना है राधा अष्टमी का पर्व भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधाष्टमी व्रत रखा जाता है।

भगवान श्री कृष्ण के बिना राधा जी अधूरी हैं और राधा जी के बिना श्री कृष्ण। जन्माष्टमी के लगभग 15 दिनों बाद ही राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति जन्माष्टमी का व्रत रखता है और राधा अष्टमी का व्रत नहीं रखता तो उसे जन्माष्टमी के भी फलों की प्राप्ति नहीं होती। इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन और श्रद्ध से राधा जी की आराधना करता है, उसे अपने जीवन में सभी प्रकार के सुख साधनों की प्राप्ति होती है और उसे अपने जीवन मे किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता

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