NEWSPR डेस्क। भागलपुर में सुल्तानगंज के अजगैबीनाथ धाम में सावन महीने के दूसरे दिन पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरकर कांवरियों का देवघर जाने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। वहीं ज्यादातर कांवरिया कांवर में जल भरकर जाते हैं। वहीं कुछ कांवरियां अपने आराध्य भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ अलग तरह के कांवर लेकर चलते दिखते हैं।
ऐसा ही एक ग्रुप बंगाल के कोलकाता से आकर 140 किलो का डोली कांवर या कहे प्रतिमा लेकर देवघर जा रहे है। 140 किलो के रावण की झांकी युक्त कांवर उठाने के लिए एक बार में चार कावरियों को लगना पड़ता है। वो भी पांच किलोमीटर जाकर फिर अगले ग्रुप को कांवर दे देता है। इसी तरह वो पूरी 105 km की यात्रा कर देवघर पहुंचेगे। जहाँ देवघर जाने में अमूमन 3 से 4 दिन लग जाते हैं।
वहीं कोलकाता के इस ओम ग्रुप के एक कांवरिया ने बताया की हमलोग कुल 12 हैं जो 36 घंटे में डोली कांवर लेकर देवघर पहुँच जाएंगे। इस तरह से वो लोग चार साल से कांवर लेकर जा रहे हैं। दो साल करोना महामारी होने पर नहीं जा सके थे। 2 साल बाद फिर से इस तरह का कांवर लेकर पैदल बैधनाथ धाम के लिये रवाना हुये।
रिपोर्ट-श्यामानंद सिंह भागलपुर