NEWSPR डेस्क। गायघाट उत्तर रक्षा गृह के सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता पर शेरगढ़ होम से निकली एक युवती ने आरोप लगाया था कि सेठाराम सुपरीटेंडेंट वंदना गुप्ता द्वारा बहार आने वाली युवतियों के साथ जबरन मारपीट और नशे का डोज देने के साथ-साथ गलत काम कराया जाता है। इस बात के सुर्खियों में आते ही पूरा शुभा काम के माहौल में बदल गया।
जिसके बाद आनन-फानन में समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार द्वारा शेल्टर होम पर लगे आरोपों को क्लीन चिट देते हुए मामले की लीपापोती कर दी गई थी। हालांकि इस पूरे मामले पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जांच रिपोर्ट सौंपने की बात कही थी। जिसके बाद राजनीतिक सरगर्मी भी तेज होती दिख रही है। दरअसल मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के बाद पटना में जहां एक और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे सरकार द्वारा लगाए जाते हैं।
वह सरकार द्वारा असहाय लड़कियों और बच्चियों को आश्रय देने के लिए शेल्टर होम रत्नागिरी जैसे भवनों का निर्माण कराया गया है। जहां असहाय बच्चियां अपने भविष्य को संवारने के लिए रहती हैं और उसी शेल्टर होम में बच्ची और युवतियों के साथ इस तरह के जिन्होंने कृत्य का सामने आना कहीं ना कहीं सुबह के इस दावे और वादे को खोखला बता रहा है। आज पटना की सड़कों पर तमाम महिला संगठन सड़क पर उतर चुकी हैं। इसी कड़ी में पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के पास महिला संगठन एवं समाजसेवी निवेदिता झा दर्जनों महिलाओं के साथ पटना शेल्टर होम मामले पर जांच करने और महिला को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उतरी है।
पटना से विक्रांत की रिपोर्ट