रिसती और दरार से भरी कमजोर दीवारें, टूटती छत, ऐसी जर्जर इमारत में संचालित हो रहा है गुमला टीओपी, जान जोखिम पर रखकर काम करते हैं पुलिसकर्मी

Sanjeev Shrivastava

गुमलाः  रिसती और दरार से भरी कमजोर दीवारें, टूटती छत, ऐसी जर्जर इमारत में संचालित हो रहा है गुमला टीओपी। इसी भवन से चार पुलिस कर्मी मौत के द्वार पर खरे अपनी ड्यूटी करने के लिए मजबूर हैं। भवन की हालत ऐसी हो गई है कि कब गिर जाए, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। वहीं किसी अधिकारी ने ड्यूटी में तैनात जवान की सुध नही ली है। शायद अधिकारियों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

मामला शहर के बीचों बीच स्थित समाहरणालय परिसर कोर्ट कम्पाउंड के समीप स्थित टीओपी से जुड़ा है। गुमला सदर थाना के अंतर्गत संचालित टीओपी की इमारत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। दीवारों में कई जगह दरार पड़ चुकी है।

पेड़ बन गया है खतरा

बताते चलें कि टीओपी समाहरणालय और कोर्ट केम्पस के पीछे है। और इस जर्जर इमारत में पुलिस की तीन कार्यालय संचालित है। जिसमे पुलिस विभाग के अधिकारी सहित बड़ी सख्या में विभाग के कर्मचारी पुलिस जवान  सहित अन्य लोगों का आना जाना है। एक  पुलिसकर्मी ने बताया कि यह टीओपी वर्षो पुराना है। पास में लगा पेड़ का अधिकांश भाग टीओपी के छत को घेरे हुए है। जिससे इमारत पूरी तरह से खराब हो चुकी है। यहां काम करनेवाले एक पुलिसकर्मी ने बताया कि बीते माह वरीय अधिकारी के  द्वारा  वन विभाग पेड़ काटने के लिए आवेदन दिया गया था। लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

एसपी ने भी माना – इमारत से खतरा

वहीं इस मामले में पुलिस कप्तान हरदीप पी जनार्दन ने भी माना कि टीओपी की जर्जर इमारत से पुलिसकर्मियों को खतरा है। उन्होंने बताया कि जहाँ टीओपी है वह काफी जर्जर हो गयी है। जवान जिस जगह में रहते है खतरों के साये में ड्यूटी कर रहे है। इसके लिए वन अधिकारी और डीसी को लिखित में सूचना देने की बात कही है साथ ही जल्द से जल्द जवानों की सुरक्षा देने की भी बात कही है।

समस्या दूर करने की तैयारी

इस मामले की जानकारी इस दौरान वन विभाग के डीएफओ श्रीकांत ने कहा है कि पुलिस विभाग ने टीओपी के दीवार पर लदा पेड़ होने की जानकारी हुई है। जिसमे चार जवान हैं। ड्यूटी कर रहे हैं। टीम को भेजा है स्थल का माप मिल गया है। जितना जल्द हो सके समस्या से निदान कराया।

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