रोगी ले जाने में दो एंबुलेंस चालकों के बीच हुई बहस में बांका के एंबुलेंस चालक का सर फटा।

Patna Desk

 

भागलपुर जिला के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल भागलपुर की इमरजेंसी कैंपस के सामने दो एंबुलेंस चालकों के बीच हाथापाई शुरू हो गई इसके बाद दोनों एंबुलेंस चालक आपस में लड़ने लगे जिसमें बांका जिला के एंबुलेंस चालक को भागलपुर के एंबुलेंस चालक ने पड़कर गाड़ी की चाबी से सर पर कई बार बार क्या जिससे बांका जिला के एंबुलेंस चालक का सर चाबी घुसने से फट गया और काफी खून बनने लगा बता दे की जिस जगह लड़ाई हुई वहां से एक तरफ जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा अस्पताल का प्रवेश द्वार महज 25 गज की दूरी पर है जहां पर सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैं उसी के सामने बरारी थाना की पुलिस चौकी है दूसरी तरफ 5 गज की दूरी पर इमरजेंसी का एंट्री गेट है वहां पर भी सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती होती है बावजूद दो एंबुलेंस चालकों के बीच लड़ाई होती है और एक एंबुलेंस चालक का सर फट जाता है इसको देखने के लिए वहां लोगों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई सभी लोग सिर्फ तमाशा देखते रहे जब सर फट गया तब अस्पताल के सिक्योरिटी गार्ड आकर दोनों को अलग करते हैं लेकिन सिक्योरिटी गार्ड की लापरवाही से भागलपुर का एंबुलेंस चालक बड़ी आसानी से चलते-चलते वहां से भाग गया उसे सिक्योरिटी गार्ड पकड़ने का कोशिश नहीं किया इसी करी में इमरजेंसी में एक इलाजरक्त वृद्ध व्यक्ति की मौत हो जाती है जिसके सब को जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा अस्पताल के ट्रॉली वालों की लापरवाही देखने को मिला अचानक ट्राली से वृद्ध मृतक जमीन पर गिर गया जिसके बाद परिजनों ने ट्राली वाले से इसके बारे में कहा तो वहां पर ट्राली वाले उल्टा ही मृतक के परिजन से उलझते दिखे फिर मृतक के परिजनों की मदद से जमीन पर पड़े वृद्ध मृतक केशव को उठाकर ट्रॉली पर रखा गयाइस घटना के बारे में जब जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा अस्पताल के अधीक्षक के कार्यालय पहुंचे हमारे ईटीवी भारत भागलपुर के पत्रकार रजनीकांत उपाध्याय तो वहां पर अस्पताल का अधीक्षक नहीं थे वहां के कर्मचारियों से पूछने पर पता चला कि वह किसी मीटिंग में गए हुए हैं वहीं घायल एंबुलेंस चालक की पहचान बांका जिला के धोरैया गांव निवासी शरण कुमार ठाकुर के रूप में हुई है दोनों निजी एंबुलेंस के चालक थे वही ट्राली वाले कि लाप्रवाही से जमीन पर गिरे बृद्ध के शव की पहचान भागलपुर जिला के बाराहाट इसीपुर थाना के रूप में हुई है जब इस बारे में परिजनों से बातचीत किया तो परिजन बताया कि अभी हमारे घर के बुजुर्ग की मौत हो गई है कमरे में कुछ नहीं बता पाएंगे लेकिन यहां के अस्पताल के स्टाफ की काफी लापरवाही देखने को मिला है खासकर के ट्रॉली वालों की ट्रॉली वालों का पता लगाना चाहा लेकिन वह इमरजेंसी के कैंपस में नहीं मिला लेकिन जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा अस्पताल के इन दो घटनाओं से पता चलता है कि अस्पताल की व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है।

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